चित्तौड़गढ़ अपने किले के लिए काफी मशहूर है। इसके अलावा यहां के भव्य महल और मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाते है। इसके अलावा यहां स्थित वन्यजीव अभयारण्य भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
महाराणा प्रताप की राजधानी कहे जाने वाले चित्तौड़गढ़ का इतिहास जितना मजबूत और सुंदर है, उतना ही शौर्य का प्रतीक भी है, इस बात का प्रमाण यहां स्थित विजय स्तंभ से मिलता है।
वर्तमान समय में चित्तौड़गढ़ यहां स्थित किले, महलों और जौहर कुंड के लिए जाना जाता है। यदि आप राजस्थान और राजस्थान में चित्तौड़गढ़ घूमने के बारे में सोच रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आज हम आपको अपनी इस लेख में चित्तौड़गढ़ और वहां स्थित पर्यटन स्थलों (places to visit in chittorgarh) से संबंधित सारी जानकारी इस आर्टिकल में देने वाले हैं। आइए बिना समय गवाएं इस आर्टिकल को पढ़ते हैं और चित्तौड़गढ़ में घूमने की जगह से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त करते हैं।
चित्तौड़गढ़ के बारे में कुछ रोचक तथ्य
एक समय चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी हुआ करती थी, जहां के राजा वीर महाराणा प्रताप थे।
चित्तौड़गढ़ किला लगभग 700 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। इस किले की लंबाई 3 किलोमीटर लंबी है, वहीं इस किले की परिधि 13 किलोमीटर लम्बी है।
चित्तौड़गढ़ को महाराणा प्रताप का गढ़ या जोहर गढ़ भी कहा जाता है।
राजस्थान राज्य में जौहर प्रथा काफी ज्यादा प्रचलित है। यह प्रथा वहां के राजाओं के समय काफी ज्यादा प्रचलित थी। यह बिल्कुल सती प्रथा की तरह ही है, जिसमें महिलाएं आग में कूद जाती है। लेकिन जौहर महिला तब करती थी जब उनके पति युद्ध में हार जाते थे और फिर दुश्मन राजा के हाथ से बचने के लिए और अपने सम्मान को बचाने के लिए वे स्त्रियां अग्नि कुंड में कूद कर अपनी जान को निछावर कर देती थी।
चित्तौड़गढ़ किले में कुल 65 ऐतिहासिक रचनाएं हैं।
चित्तौड़गढ़ का किला भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है। यह यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल है।
चित्तौड़गढ़ किले में 19 मुख्य मंदिर है, जिनमें सम्मिदेश्वरा मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, सूरजकुंड, जयमल और फत्ता की हवेलिया, शृंगार चवरी का मंदिर, कलिका मंदिर, जैन मंदिर, गणेश मंदिर, अदबदजी का मंदिर, रानी पद्मनी का महल और कुंभश्याम मंदिर आदि है। इस किले में मीराबाई का भी मंदिर है, जो भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त थी। चित्तौड़गढ़ किले में स्थित लगभग सभी मंदिरों की नक्काशी बेजोड़ है।
इस किले में रत्नेश्वर तालाब, कुम्भ सागर तालाब, हाथीकुंड, जयमल जी का तालाब, भीमलत तालाब, चित्रांग मोरी का तालाब भी स्थित है।
चित्तौड़गढ़ का किला लगभग मछली के आकार का दिखाई पड़ता है। यहां के किले में पहले 84 जल निकाय हुआ करते थे, जो वर्तमान में केवल 22 रह गए हैं।
चित्तौड़गढ़ किले में 7 प्रवेश द्वार है, जिसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं। राम पोल, लक्ष्मण पोल, पडल पोल, गणेश पोल, जोरला पोल, भैरों पोल और हनुमान पोल। इन प्रत्येक प्रवेश द्वार पर स्थित भगवान के मंदिर के नाम पर पड़े हैं। जैसे लक्ष्मण पोल, गणेश पोल प्रवेश द्वार के समीप भगवान गणेश, भगवान लक्ष्मण के मंदिर स्थित है, इसीलिए इनका नाम यह पड़ा है।
चित्तौड़गढ़ किले के अंदर नवलखा भंडार स्थित है, जो इस दुर्ग का भव्य इमारत है। इसे हिंदू देवी देवताओं का अजायबघर भी कहा जाता है, जिसका निर्माण 1440 ई से 1448 ई के बीच में महाराणा कुंभा ने मालवा के सुल्तान मोहम्मद शाह खिलजी को परास्त करने के उपलक्ष में करवाया था।
चित्तौड़गढ़ में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Chittorgarh Tourist Places in Hindi)
चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह फेमस है, इनमें से कुछ के बारे में यहां हम आपको विस्तार से जानकारी दे रहे हैं:
चित्तौड़गढ़ का किला
चित्तौड़गढ़ का किला भारत के सबसे बड़े किले के रूप में जाना जाता है। इसका निर्माण सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य काल में हुआ था। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण इसे यूनेस्को ने अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है।
किले के अंदर बहुत ही ऐतिहासिक और सुंदर इमारते जैसे विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, रानी पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल और मीरा बाई मंदिर स्थित है, जो इस महल को बेहद खास और खूबसूरत बनाती हैं। यह किला गंभीरी नदी के पास और अरावली पर्वत से लगभग 180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कालिका माता मंदिर
कालिका माता मंदिर मां कालकी यानी देवी दुर्गा को समर्पित मंदिर है, जो चित्तौड़गढ़ के प्रमुख मंदिरों में से एक है। हालांकि वर्तमान में यह मंदिर एक खंडहर है लेकिन इस मंदिर की वास्तुकला आज भी पर्यटकों को हैरान करती है।
इस मंदिर के छत, खंबे और फाटक पर जटिल नक्काशी किए गए हैं। इस मंदिर में प्रथिरा वास्तुकला शैली का प्रयोग करके इसे निर्मित किया गया है। मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा काफी विशाल है।
यदि आप चित्तौड़गढ़ आते हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जरूर आएं। शायद इस मंदिर के दर्शन के बिना चित्तौड़गढ़ की यात्रा आपकी अधूरी रह जाए।
सतीश देवरी मंदिर
चित्तौड़गढ़ किले के यात्रा के दौरान आप शतीस देओरी मंदिर का दर्शन करने जरूर जाए। यह मंदिर फतेह प्रकाश पैलेस के करीब स्थित है, जो पवित्र स्थानों में से एक है। यह मंदिर जैन मंदिर परिसर का एक हिस्सा है और उस परिसर में सबसे बड़ा मंदिर भी है।
इतिहास में एक समय में इस मंदिर के अंदर और भी 27 मंदिर थे। हालांकि वर्तमान में इन स्मारकों का कोई भी निशान नहीं बचा हुआ है। यह मंदिर जैन धर्म के स्वेतांबर पंथ से संबंधित है, जो भगवान आदिनाथ को समर्पित है। इस मंदिर को प्यार भी शताब्दी में बनाया गया था मंदिर में भगवान आदिनाथ के जीवन और गुणों के बारे में दिखाया गया है।
मंदिर में किए गए सुंदर नक्काशी और सुशोभित मूर्ति दर्शकों को खूब लुभाती हैं। यदि आप 11वीं शताब्दी की सुंदर वास्तुकला को देखने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चित्तौड़गढ़ की यात्रा के दौरान इस मंदिर का दर्शन करने के लिए जरूर आए। इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल भी घोषित किया गया है।
रतन सिंह पैलेस
रतन सिंह पैलेस चित्तौड़गढ़ किले में स्थित है। यह बहुत ही आकर्षित और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है। यहां पर रत्नेश्वर झील स्थित है, जिस कारण इस पैलेस की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
यहां पर आने वाले पर्यटकों राजस्थान की पारंपारिक वास्तुकला, भव्य प्रांगण और प्रवेश द्वार, विशाल दीवारें, मंडप, बालकनी, स्तंभ छतरी को देखकर हैरान रह जाते हैं। भले ही वर्तमान में यह मंदिर खंडहर हो चुका है लेकिन आज भी यह मंदिर चित्तौड़गढ़ मैं पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विजय स्तंभ
विजय स्तंभ को विजय मीनार भी कहते हैं। विजयस्तंभ महाराणा कुंभा ने मोहम्मद खिलजी से अपनी जीत के उपलक्ष्य में बनवाया था। यह स्तंभ इतना विशाल है कि आप इसे शहर के किसी भी कोने से देख सकते हैं।
इस 9 मंजिलें स्तंभ में हिंदू देवताओं की प्रतिमाएं हैं। सबसे ऊपर वाली मंजिल में जैन देवी पद्मावती की एक छवि है। इस स्तंभ के आंतरिक भाग में उस समय के हथियारों संगीत और वाद्य यंत्रों इत्यादि की नक्काशी की गई है, जिसकी वजह से यह और अधिक खूबसूरत लगता है।
कीर्ति स्तंभ
यह स्तंभ 12 वीं शताब्दी में निर्मित स्तंभ है, जो चित्तौड़गढ़ के किले के अंदर स्थित है। कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
कीर्ति स्तंभ जैन तीर्थंकर आदिनाथ के स्मारक के रूप में खड़ा हुआ है, इस स्तंभ का निर्माण जैन व्यापारी जीजा भावर वाला ने जैन धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए करवाया था। 22 मीटर ऊंचे इस स्तंभ का निर्माण रावल कुमार सिंह के शासनकाल में हुआ था।
चित्तौड़गढ़ का तीर्थ स्थल गौ मुख कुंड
चित्तौड़गढ़ किले के भीतर स्थित गौमुख कुंड प्रमुख तीर्थ स्थान है। गोमुख का अर्थ गाय का मुख होता है और इस जगह का नाम गौमुख कुंड होने का कारण यह है कि यहां पर गाय के मुख के आकार से पानी आता है।
माना जाता है कि कोई भी तीर्थ यात्री हिंदू आध्यात्मिक स्थानों की यात्रा करने जाता है तो वह लौटने के बाद अपनी यात्रा को पूरी करने के लिए इस पवित्र गौमुख कुंड के दर्शन करने के लिए आता है।
इस गौमुख कुंड के आसपास हरे भरे पेड़ पौधे स्थित है, जो इस वातावरण को बहुत ही सुरम्यि बना देता है। चित्तौड़गढ़ किले की यात्रा के दौरान इस धार्मिक स्थान का दर्शन करने निश्चित ही आपको आना चाहिए।
चित्तौड़गढ़ का धार्मिक स्थल मीरा मंदिर
मीरा मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षण का केंद्र है। यह चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में स्थित है। मीरा बाई के बारे में हर कोई जानता है, जो एक राजपूत राजकुमारी थी और भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त थी।
यह मंदिर उसी मिरा को समर्पित है, जिसे राजपूत राजा महाराणा कुंभा के द्वारा निर्मित किया गया था। यदि आप एक अद्भुत शांति अनुभव करना चाहते हैं तो आपको चित्तौड़गढ़ किले की यात्रा के दौरान इस मंदिर का दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।
माना जाता है जब भी कोई इस मंदिर में पूजा करने के लिए प्रवेश करता है तो उसे अद्भुत खुशी और शांति का एहसास होता है। यहां पर पर्यटक ध्यान लगाते हैं।
महा सती
यह स्थान चित्तौड़गढ़ से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह स्थान बेहद पवित्र माना जाता है। क्योंकि इस स्थान पर उदयपुर के शासकों का अंतिम संस्कार किया जाता था।
इसकी बनावट काफी खूबसूरत है और यहां एक जलाशय भी निर्मित है, जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस जलाशय से गंगा नदी का पानी निकलता है। यह स्थान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सांवरिया जी मंदिर
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवरिया जी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिर है। सवारियां जी मंदिर चित्तौड़गढ़ का सबसे फेमस मंदिर है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह मंदिर काफी खूबसूरत और पवित्र स्थान माना जाता है। चित्तौड़गढ़ घूमने वाले पर्यटक इस मंदिर की यात्रा जरूर करते हैं। यदि आप शांति में कुछ पल बिताना चाहते हैं तो इस मंदिर जरूर जाएं।
फतेह प्रकाश पैलेस
इस महल का निर्माण महाराणा प्रताप ने करवाया था। यह महल चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित है। यह महल काफी बड़ा भव्य और सुंदर संरचना वाला है। इस महल की वास्तुकला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
महल के अंदर एक गणेश मूर्ति और फव्वारा जैसी कई सुंदर संरचना हैं, जिन्हें देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह महल चित्तौड़गढ़ राजस्थान के इतिहास को और करीब से जानने का अवसर देता है।
राणा कुंभा का महल
यह महल चित्तौड़गढ़ घूमने आने वालों के लिए बहुत ही दिलचस्प जगह है, इस महल की बर्बादी को देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि यह महल अपने समय में कितना भव्य विशाल और सुंदर हुआ करता था। महल के अंदर एक कालकोठरी भी स्थित है।
कहा जाता है कि रानी पद्मिनी और कई महिलाओं ने यहां जौहर किया था। यह महल राणा कुंभा रानी पद्मिनी रावल कुमार सिंह और मीराबाई जैसे लोगों का निवास स्थान रहा है। यह महल अपने आप में बहुत ही भव्य और अद्भुत इतिहास की झलक दिखाता है।
भैंसरोडगढ़ अभयारण्य
यह अभयारण्य चित्तौड़गढ़ के सबसे प्रसिद्ध अभयारण्य में से एक है। यह अरावली पहाड़ियों में स्थित है। 1983 में इसे वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया था।
इस अभयारण्य में बहुत से जीव जंतु और पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यदि आप चित्तौड़गढ़ की यात्रा पर निकले हैं तो इस अभयारण्य का भ्रमण करना ना भूले।
चित्तौड़गढ़ में 1 दिन में घूमने लायक जगह (Places to Visit in Chittorgarh in 1 Day)
सम्मिदेश्वरा मंदिर
नीलकंठ महादेव मंदिर
सूरजकुंड
जयमल और फत्ता की हवेलिया
शृंगार चवरी का मंदिर
कलिका मंदिर
जैन मंदिर
गणेश मंदिर
अदबदजी का मंदिर
रानी पद्मनी का महल
कुंभश्याम मंदिर
रत्नेश्वर तालाब
कुम्भ सागर तालाब
हाथीकुंड
जयमल जी का तालाब
भीमलत तालाब
चित्तौड़गढ़ का प्रसिद्ध भोजन
चित्तौड़गढ़ में खाने के लिए निम्नलिखित चीजें फेमस है:
दाल बाटी चूरमा
राजस्थानी थाली
मुगल व्यंजन
भारतीय शाकाहारी भोजन
मिर्ची बड़ा
फास्ट फूड
मावा कचौड़ी
लाल मास
गट्टे की सब्जी इत्यादि।
चित्तौड़गढ़ में रुकने की जगह
यदि आप राजस्थान भ्रमण पर निकले हैं और चित्तौड़गढ़ घूमना चाहते हैं, तो आप चित्तौड़गढ़ के निकटतम शहर उदयपुर में किसी भी होटल पैलेस या रिसॉर्ट में रुक सकते हैं या फिर चित्तौड़गढ़ में भी कई सारे होटल और रिसॉर्ट अवेलेबल है, जहां पर आप रुक कर यहां घूमने का आनंद ले सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ जाने के लिए सबसे अच्छा समय
यदि आप चित्तौड़गढ़ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां घूमने के लिए सबसे अनुकूलित समय है अक्टूबर से लेकर मार्च के महीने तक का। इस समय यहां का मौसम ठंडा होता है।
यदि आप राजस्थान भ्रमण पर निकले हैं और चित्तौड़गढ़ घूमना चाहते हैं तो शाम का समय यहां घूमने के लिए एकदम सही है। इस समय यहां काफी ठंडक होती है और शाम के समय इस इलाके में भीड़ भी अपेक्षाकृत कम देखने मिलती है।
चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे?
चित्तौड़गढ़ तक पहुंचने के लिए आप रेल मार्ग सड़क मार्ग और हवाई मार्ग तीनों रास्तों में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। यह आपकी करंट लोकेशन और बजट पर निर्भर करता है।
सड़क मार्ग- चित्तौड़गढ़ शहर राजस्थान के कुछ प्रमुख शहरों जैसे कि उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और भारत के कई बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप यहां सड़क मार्ग द्वारा अपनी लोकेशन के हिसाब से बस अथवा अपने वाहन द्वारा यहां पहुंच सकते हैं।
दिल्ली से चित्तौड़गढ़ पहुंचने में लगभग 10 घंटे का समय लगता है और यदि अहमदाबाद की बात करें तो अहमदाबाद से चित्तौड़गढ़ पहुंचने में लगभग 7 घंटे का समय लगता है।
रेल मार्ग– चित्तौड़गढ़ शहर आप ट्रेन के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन चित्तौड़गढ़ रेलवे जंक्शन है। यह रेलवे जंक्शन देश के कई बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, यह रेलवे जंक्शन दक्षिणी राजस्थान का सबसे प्रमुख रेलवे जंक्शन है।
हवाई मार्ग– यदि आप हवाई मार्ग द्वारा चित्तौड़गढ़ पहुंचना चाहते हैं, तो यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। उदयपुर का डबोक हवाई अड्डा। आप यहां से चित्तौड़गढ़ के लिए किसी टैक्सी बस अथवा कैब के द्वारा जा सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ कैसे घूमे?
चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए आप सबसे पास के शहर उदयपुर में रुक सकते हैं, जहां से चित्तौड़गढ़ पहुंचने के लिए आपको केवल डेढ़ घंटे का समय लगेगा। इसके बाद आप यहां किसी टैक्सी कैब को बुक करा कर पूरा चित्तौड़गढ़ घूम सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ घूमने का खर्चा
यदि आप पूरे राजस्थान की यात्रा पर निकले हैं तो आपको लगभग ₹25000 से ₹40000 के बीच खर्च आएगा और यदि आप केवल चित्तौड़गढ़ की यात्रा पर निकलते हैं, तो यह खर्च अपेक्षाकृत बहुत ही कम हो जाएगा। यह खर्चा आपके अकेले का है। यदि आप अपने परिवार के साथ या बच्चों के साथ जाते हैं तो आपको डबल खर्चा लग सकता है।
इसके अलावा यह खर्च बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि आप कहां-कहां घूमते हैं, आपके रुकने की जगह, भोजन करने का स्थान, कितने दिन की आप की ट्रिप है और आपकी लोकेशन से राजस्थान कितनी दूर है, इन सब के हिसाब से आप का खर्च कम भी हो सकता है और ज्यादा भी हो सकता है।
इसके अलावा यदि आप वहां रुककर शॉपिंग करना चाहते हैं तो वह खर्च अलग से रहेगा और यदि आप सस्ते में अपनी यात्रा पूरी करना चाहते हैं तो आप मेक माय ट्रिप डॉट कॉम जैसी सुविधाओं द्वारा कुछ ऑफर्स और पैकेजेस के आधार पर कम खर्चे में अपनी यात्रा कर सकते हैं।
चित्तौड़गढ़ घूमते समय साथ में क्या रखें?
किसी भी जगह की यात्रा पर जाने से पहले सबसे जरूरी चीज होती है पैसा, चित्तौड़गढ़ जाने के लिए या राजस्थान घूमने के लिए भी आपको पैसों की आवश्यकता होगी तो अपने साथ पैसे जरूर रखें।
इसके अलावा कुछ कपड़े खाने-पीने का हल्का-फुल्का सामान और इमरजेंसी के लिए फर्स्ट एड बॉक्स और कुछ नॉर्मल सी दवाइयां जरूर साथ रखें। वैसे मौसम के अनुसार आपको कुछ अलग से भी पैकिंग करने की जरूरत पड़ती है।
यदि आप ठंडी के मौसम में चित्तौड़गढ़ यात्रा पर जा रहे हैं तो ठंडी के मौसम में राजस्थान में काफी ज्यादा ठंड रहती है। ऐसे में आपको कुछ गर्म कपड़े अपने साथ लेकर जाने होंगे।
यदि आप गर्मी के मौसम में जा रहे हैं तो तब वहां काफी ज्यादा गर्मी पर रहता है। ऐसे में आपको हैट और सनस्क्रीम लेकर जानी पड़ेगी ताकि आप अपनी त्वचा को धूप से बचा सके।
FAQ
चित्तौड़गढ़ कहां स्थित है?
चित्तौड़गढ़ राजस्थान स्थित है। यह शहर उदयपुर से लगभग 111 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
चित्तौड़गढ़ फेमस क्यों है?
चित्तौड़गढ़ अपने ऐतिहासिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर महाराणा प्रताप की नगरी मेवाड़ की राजधानी हुआ करती थी। चित्तौड़गढ़ अपनी किले यहां स्थित वन्यजीव अभयारण्य और मंदिरों आदि के लिए बहुत फेमस है।
चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह है?
चित्तौड़गढ़ में घूमने के लिए बहुत सारी जगह फेमस है जैसे कि चित्तौड़गढ़ का किला, राणा कुंभा का महल, मीरा मंदिर, श्यामा मंदिर, सांवरिया जी मंदिर, गौमुख कुंड बस्सी, वन्य जीव, अभ्यारण्य छतरगढ़, वन्यजीव अभयारण्य, रतन सिंह पैलेस, फतेह प्रकाश पैलेस, कीर्ति स्तंभ, विजय स्तंभ इत्यादि।
चित्तौड़गढ़ में खाने के लिए क्या फेमस है?
चित्तौड़गढ़ में खाने के लिए यहां का प्रसिद्ध और स्थानीय राजस्थानी भोजन मुगल व्यंजन और भारतीय शाकाहारी भोजन की थाली काफी फेमस है। इसके अलावा यहां आपको स्ट्रीट फूड और फास्ट फूड भी अवेलेबल हो जाता है।
चित्तौड़गढ़ घूमने में कितना खर्च आएगा?
पूरा राजस्थान घूमने में जितना पैसा खर्च होगा अपेक्षाकृत उससे बहुत कम पैसा चित्तौड़गढ़ शहर घूमने में खर्च होगा। इसके अलावा यदि आप मेक माय ट्रिप डॉट कॉम या आईआरसीटीसी जैसी सुविधाओं का उपयोग करते हैं तो यह खर्चा और कम हो जाएगा।
चित्तौड़गढ़ कैसे पहुचें?
चित्तौड़गढ़ पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग रेल मार्ग और हवाई मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। चित्तौड़गढ़ पहुंचने के लिए आप अपनी नियरेस्ट लोकेशन और बजट के हिसाब से यहां पहुंचने के माध्यम को चुने।
चित्तौड़गढ़ जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
चित्तौड़गढ़ पहुंचने के लिए सबसे अच्छा समय है अक्टूबर से मार्च के बीच का। इस समय यहां का मौसम सुहावना और काफी ठंडा होता है वहां घूमने के हिसाब से बहुत अच्छा है।
चित्तौड़गढ़ घूमने के लिए कितने दिनों की योजना बनाएं?
चित्तौड़गढ़ शहर बहुत ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन यहां पर घूमने लायक बहुत सारी जगह है। यदि आप उन तमाम जगहों को घूमना चाहते हैं तो कम से कम 2 से 3 दिन आपको चित्तौड़गढ़ की यात्रा के लिए योजना बनानी चाहिए।
निष्कर्ष
चित्तौड़गढ़ राजस्थान की बेहद खूबसूरत जगह है, जिसका अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यहां जितनी संख्या में किले के अंदर ऐतिहासिक चीजें स्थित है, उतने ही मंदिर और वन्यजीव अभयारण्य भी हैं। यहां घूम कर आप राजस्थान के कल्चर के बारे में काफी अच्छी तरह जान पाएंगे।
ऊपर दिए हुए आर्टिकल में हमने चित्तौड़गढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल (tourist places in chittorgarh), यहां रुकने की व्यवस्था, यहां पहुंचने में खर्च कितना होगा, चित्तौड़गढ़ किस लिए प्रसिद्ध है, चित्तौड़गढ़ पहुंचने के माध्यम इत्यादि के बारे में आपको विस्तार से बताया है। आशा है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और चित्तौड़गढ़ घूमने से संबंधित सारे प्रश्नों के उत्तर भी मिल गए होंगे।