भोजताल भोपाल में सबसे अच्छी और सबसे लोकप्रिय झील में से एक है। राजा भोज ने ही भोपाल शहर को बसाया था, और उन्हीं के नाम इस शहर नाम भोपाल पड़ा था और इस झील को भोजताल कहा जाने लगा। झील भ्रमण के दौरान आप यहां राजा भोज की एक बड़ी प्रतिमा भी देख पाएंगे। मॉनसून के दौरान यह झील काफी खूबसूरत दिखाई देती है। यह एक बहुत बड़ी झील है। यह अच्छी तरह बनी हुई है। भोपाल को झीलों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। यह जगह आपकी यात्रा करने के लिए उत्तम जगह है।
भोजताल मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध झीलों में से एक है, जो अपर लेक के नाम से भी जानी जाती है। यह झील मध्यप्रदेश राज्य के राजधानी भोपाल में स्थित है। पर्यटन के लिहाज से यह काफी ज्यादा मायने रखती है। झील को देखने के लिए रोजाना पर्यटकों काफी संख्या में आते है। यह झील शहर के निवासियों के जल का बड़ा स्रोत है। झील का इतिहास बताता है कि इसे मालवा के परमार राजा भोज ने बनवाया था।
अपर लेक भोपाल शहर की सबसे महत्वपूर्ण झील है, जिसे आमतौर पर भोजताल के नाम से जाना जाता है। यह देश की सबसे पुरानी मानव निर्मित झील है, जो भोपाल के पश्चिम में स्थित है। स्थानीय लोग इसे बड़ा तालाब भी कहते हैं।
इस जगह पर आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए आ सकते है। यह पर पार्किंग की सुविधा अच्छी है। यहां झील के अलावा विभिन्न रेस्तरां स्थित हैं, जहां पर आप विभिन्न व्यजंन का मजा ले सकते है। अपर लेक में घूमने का शाम का समय सबसे अच्छा होता है। क्योकि यह पर दोपहर को गर्मी रहती है।
अपर लेक में विभिन्न प्रकार की नौकाओं जैसे स्पीड बोट, मोटर और पैडल बोट आदि का मजा ले सकते है। यहां पर नौका विहार अनुभव भी अनोखा होता है। यहां पर क्रूज राइड का मजा भी लिया जा सकता है। अपर लेक में पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं। अपर लेक को बडा तालाब भी कहा जाता है। अपर लेक के पास सूर्यास्त के दृश्य बहुत अद्भुत होता है। अपर लेक में विशेषकर सुबह और शाम को झील का अद्भुत दृश्य देखने मिलता है। इस विशाल झील के किनारे टहलने का एक अलग आंनद है।
अपर लेक के आसपास बहुत सारे होटल भी आपको मिल जाते है। मगर यह होटल आपको मंहगे मिलते है। क्योंकि इन होटल से आपको झील का दृश्य देखने मिलता है। अगर आप यहां पर कमरा लेने में रूचि रखते है, तो आपको आनलाइन आफर मिल जाते है। मगर मेरे हिसाब से आपको कहीं पर भी जाये होटल पहले देख लें फिर बुक करें, ये जरूर देख लें कि आपके रूम में सभी प्रकार की सुविधा है कि नहीं। अगर आपका रूम में आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, तो आप होटल बदल सकते है। मगर आनलाइन बुक करने मे आप पैसे पहले दे देते है और आपके पैसे वापस नहीं मिलती है। फिर आप जितना भी कस्टूमर केयर वालो से बात करों लो आपको रूम में कोई बदलाब नहीं होता है। जिससे आपकी यात्रा बहुत बुरी हो सकती है। अगर आपका रूम अच्छा ना हो तो।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यह झील भी कृषि में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कृषि भोपाल के लोगों के लिए रोटी रोजी का मुख्य स्रोत है। इस झील के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए प्राथमिक स्रोत है। यहां झील इस शहर के निवासियों के लिए पीने योग्य पानी का एक प्रमुख स्रोत है।
इस खूबसूरत झील का नाम राजा भोज के नाम पर रखा गया था। जिन्होंने 11 वीं शताब्दी में झील का निर्माण किया था। लोगों के अनुसार भोजताल को परमार राजा भोज ने मालवा के राजा (1005-1055) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बनाया था। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने भोपाल शहर की स्थापना की अपने राज्य की पूर्वी सीमा को सुरक्षित करने के लिए किया था। लोगों के अनुसार एक बार राजा भोज चर्म रोग से पीड़ित हो गए। सभी वैद्य उनका इलाज करने में विफल रहे। फिर, एक दिन एक संत ने राजा को एक टैंक बनाने के लिए कहा फिर उसमें स्नान करने के लिए कहा। जिससे राजा की बीमारी ठीक हो जायेगी। राजा भोज ने अपने सिपाही से एक विशाल टैंक बनाने का आदेश दिया। उन्होंने बेतवा नदी के पास एक स्थान देखा, जो भोपाल से 32 किमी दूर था। यहां झील का निर्माण किया गया। जिससे राजा भोज के त्वचा की बीमारी का ठीक हो गई। तो इस तरह इस विशाल झील का निर्माण राजा भोज के द्वारा हुआ है। इस झील के एक कोने पर स्तंभ के उपर राजा भोज की मूर्ति स्थापना की गई है। ऊपरी झील एक पुल के द्वारा निचली झील से अलग होती है।
अपर लेक के पूर्वी किनारे पर बोट क्लब की स्थापना की गई है। जहां पर पर्यटकों को पानी में खेल जैसे कि पैरासेलिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग आदि के मजा लेने के लिए बोट क्लब स्थापना हुई है।
आप यहां पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ आकर अच्छा समय बिता सकते है। यहां जगह अच्छी है। पूरे भारत में प्रसिध्द है।
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