सावन के मौसम में यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है क्योंकि उस समय कांवरिया यहां गंगा नदी का जल लेने के लिए आते हैं। प्रकृति के सुंदर वातावरण में शांति अनुभव करने के लिए और परिवार के साथ कुछ समय बिताने के लिए इससे अच्छा जगह और क्या हो सकता है।
यदि हरिद्वार घूमने की योजना आप बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं। क्योंकि आज के लेख में हम आपको हरिद्वार टूरिस्ट प्लेस (Haridwar Tourist Places In Hindi) से संबंधित जानकारी देने वाले हैं, जिसमें हम आपको हरिद्वार से संबंधित कुछ रोचक तथ्य, हरिद्वार के दर्शनीय स्थल, हरिद्वार में घूमने लायक जगह, हरिद्वार के प्रसिद्ध भोजन और वहां पर कहां ठहरे, साथ ही हरिद्वार घूमने का कितना खर्चा आएगा इत्यादि चीजों की जानकारी देंगे इसीलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
हरिद्वार के बारे में रोचक तथ्य
गोमूत्र से गंगा नदी निकलते हुए पहाड़ी गलियारों से होते हुए, वह सबसे पहले हरिद्वार में ही मैदानी समतल भूमि पर बहती है।
हरिद्वार को पृथ्वी का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। कहा जाता है यहां पर ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता उपस्थित हुए हैं, जिसके कारण यह भूमि काफी पवित्र हो गया है।
हरिद्वार का अर्थ भी काफी पवित्र है। हरिद्वार दो शब्द हरी और द्वार से मिलकर बना हुआ है, जिसका अर्थ भगवान का द्वार होता है।
हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार की गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं। क्योंकि मान्यता है कि यहां स्नान करने से लोगों के सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हरिद्वार में शांतिकुंज नाम का प्रसिद्ध आश्रम है, जो आयुर्वेद पर अनुसंधान के लिए दुनिया भर में विख्यात है।
हरिद्वार भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है, जिसकी स्थापना 1780 ईशा पूर्व से भी पहले हुई थी।
हरिद्वार में घूमने की जगह (Haridwar Tourist Places In Hindi)
पावन धाम
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर सप्त सरोवर रोड पर बना यह मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर पूरी तरीके से कांच से बना हुआ है और मंदिर की नक्काशी काम भी कांच पर इतने अच्छे से किए गए हैं कि एक ही प्रतिमा कई बार दिखाई पड़ती है।
यहां पर हिंदू देवी देवताओं की सुंदर झांकियां भी सजाई गई है। यहां पर अक्सर लोग शांति और ध्यान लगाने के लिए आते हैं।
झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व
यह जगह गंगा नदी के बाएं तट पर 3783 हेक्टेयर जमीन में फैला हुआ है, जो बारहसिंघा का एकमात्र घर है। यहां पर आकर बारहसिंघा वाले हिरणों को देख सकते हैं।
चंडी देवी मंदिर
मंदिरों की नगरी हरिद्वार में कई सारे मंदिर है। उन्हीं में से एक चंडी देवी मां का मंदिर है, जो नील पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर से भी पौरानिक कथा जुड़ी हुई है। माना जाता है कि शुभ और निशुंभ नाम के दो राक्षस धरती पर जब प्रलय मचा रहे थे तब उन्हें हराने में जब भगवान सफल नहीं हो पाए तब उन्होंने मां चंडी को खंभ रूप में प्रकट होकर दोनों राक्षसों का वध करने के लिए आग्रह किया गया था।
तब मां चंडी देवी यहीं पर विराजमान होकर राक्षसों का वध की थी। यह मंदिर मां चंडी देवी को समर्पित शक्तिपीठ है। हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं को शांती का एहसास देती है।
माया देवी मंदिर
माया देवी मंदिर माता सती को समर्पित एक शक्तिपीठ है, जो हरिद्वार के हर की पौड़ी से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पौरानिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि माता सती के पिता प्रजापति दक्ष ने एक बार बहुत बड़ा अज्ञ आयोजित किया था, जिसमें उन्होंने सभी देवताओं को निमंत्रित किया।
परंतु भगवान शिव को निमंत्रित नहीं किया, जिससे मां सती को काफी क्रोध आया और वह यह के स्थान पर जाकर अपने पिता से इसका कारण पूछती है।
तब प्रजापति दक्ष भगवान शिव के बारे में बहुत अपमानजनक शब्द बोलते हैं, जिससे क्रोध में आकर मां सती अग्नि कुंड में कूद कर आत्महत्या कर लेती है। जिससे भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं और माता सती के पार्थिव शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में तांडव करने लगते हैं।
तब भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के टुकड़े कर देते हैं और इस तरीके से उनके शरीर का अंग जहां-जहां पर गिरता है, वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो जाता है। इस तरीके से कुल 51 शक्तिपीठ हुए हैं, उन्हीं में से एक माया देवी मंदिर है।
नील धारा हरिद्वार
हरिद्वार में स्थित यह जगह श्रद्धालुओं के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह जगह काफी पवित्र मानी जाती है। मां गंगा के सुंदर वातावरण के बीच और दोनों छोर से पहाड़ों से ढका हुआ यह जगह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
इस घाट के एक ओर मां चंडी देवी का मंदिर वहीँ दूसरे छोर पर मनसा देवी का मंदिर स्थित है, जिसके कारण इन मंदिरों के दर्शन के लिए यहां पर श्रद्धालुओं की हमेशा भिड़ जमी रहती है।
हरिद्वार के प्रसिद्ध भोजन
हरिद्वार सांस्कृतिक और धार्मिक स्थान के अलावा अपने मसालेदार और चटपटे व्यंजनों के लिए भी काफी प्रख्यात है। यहां के स्ट्रीट फूड यहां के पर्यटकों को काफी आकर्षित करते है, जिससे वे उन्हें चखे बिना रह नहीं पाते।
यहां पर उत्तर भारतीयों के व्यंजनों की पेशकश करने के लिए असंख्य ठेले और रेस्टोरेंट देखने को मिल जाते हैं। यदि आप हरिद्वार जाते हैं तो वहां के स्ट्रीट फूड के बारे में आपको थोड़ी बहुत जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए वहां के कुछ प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड के बारे में जानते हैं।
आलू पूरी
पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध आलू पूरी आपको हरिद्वार में जरूर देखने को मिलेगा। यह वहां के सभी लोगों के लिए लोकप्रिय व्यंजन है। इसे पूरी को तलकर मसालेदार और चटपटी आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है, जो आपके मुंह में पानी ला सकता है।
भरवां पराठे
भरवां पराठे हरिद्वार के प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड में से एक बन हैं। आलू, पनीर, प्याज और गोभी की स्टाफिंग करके इसे बनाया जाता है। यह बेहद स्वादिष्ट होता है, वहां के निवासियों के लिए यह मुख्य नाश्ते की तरह इस्तेमाल होता है। इसे दही के साथ परोसा जाता है, जो इसके स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।
कचौड़ी
हरिद्वार वहां के कचोरी के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। कचोरियो को सब्जियां या चटनी के साथ परोसा जाता है। आप सुबह ब्रेकफास्ट की तरह या फिर लंच या डिनर में भी इसे शामिल कर सकते हैं। हरिद्वार के स्ट्रीट फूड में कचोरी काफी पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। इसीलिए हरिद्वार जाए तो इ्वंहा मिलने वाले कचोरी के स्वाद का अनुभव लेना ना भूलें।
छोले भटूरे
हरिद्वार में स्ट्रीट फूड के कई सारे विकल्प आपको मिल जाएंगे लेकिन वहां के लोगों के लिए सबसे पसंदीदा व्यंजन छोला भटूरा है। खट्टे, मिठे और तिखे छोले आपका दिन बना देंगे।
यहां के होटल और रेस्टोरेंट की तुलना में ठेले पर मिलने वाले छोले भटूरे का स्वाद काफी अनोखा होता है। इसीलिए जब हरिद्वार जाए तो वहां के मसालेदार छोले भटूरे जरूर खाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए आप खीर या लस्सी भी शामिल कर सकते हैं।
कुल्फी
यदि आप हरिद्वार जाते हैं तो वहां तेल मसालों में बनी स्वादिष्ट व्यंजन के अतिरिक्त आपको सड़कों पर कुल्फी के ठेले भी काफी देखने को मिल जाएंगे, जो मलाई, पिस्ता, केसर, इलायची और आम जैसे विभिन्न वैरायटी वाले स्वाद के साथ कुल्फी बेचते हैं, जिसे चखे बिना आप रह नहीं सकते। अगर हरिद्वार जाए तो इन ठंडे-ठंडे कुल्फी का आनंद जरूर लें।
चटपटे और मसालेदार व्यंजनों के अतिरिक्त हरिद्वार जलेबी, रबड़ी और रसमलाई जैसे मिठाइयों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, जो शुद्ध घी से बनाए जाते हैं और ताजा-ताजा परोसा जाता है। हरिद्वार जाए तो इन सभी व्यंजनों को जरूर चखें। यह आपकी यात्रा को और भी ज्यादा आनंददायक बना देगा।
हरिद्वार कैसे पहुंचे?
हरिद्वार जाने के लिए आप रेल, सड़क या हवाई मार्ग का चयन कर सकते हैं। भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से हरिद्वार इन सभी मार्गों से सिधा जुड़ा हुआ है, जिससे बिना रुकावट के आप सीधे हरिद्वार जा सकते हैं।
आप अपने शहर के रेलवे स्टेशन से हरिद्वार के लिए टिकट बुक कर सकते हैं और यदि आपके शहर के स्टेशन से हरिद्वार की टिकट नहीं मिलती है तो आप पहले दिल्ली आकर हरिद्वार जा सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार लगभग 210 किलोमीटर पड़ता है, इसके अतिरिक्त आप देहरादून से हरिद्वार जा सकते हैं, जहां से 43 किलोमीटर दूर हरिद्वार पड़ता है।
इसके अतिरिक्त आप सड़क मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। आप अपने निजी वाहन या फिर बस से हरिद्वार की यात्रा के लिए जा सकते हैं। यदि आप हवाई मार्ग का चयन करते हैं तो हरिद्वार से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का एयरपोर्ट पड़ता है।
हरिद्वार कब जाना चाहिए?
हरिद्वार घूमने के लिए कोई एक निश्चित समय नहीं है। हरिद्वार घूमने के लिए आप साल भर में कभी भी जा सकते हैं। पूरे साल यहां पर पर्यटकों का आना जाना रहता है। हालांकि सावन के महीने में यहां ज्यादातर श्रद्धालु आते हैं।
हरिद्वार में ठहरने की जगह
हरिद्वार में रुकने के लिए आपको एक से बढ़कर एक कई होटल मिल जाएंगे, जहां पर आपको मिनिमम रूम चार्ज के साथ खाने पीने की अच्छी फैसिलिटी मिल जाएगी। हालांकि होटल में रुकने के लिए आपको प्रतिदिन न्यूनतम 800 से ₹1000 का चार्ज लग सकता है।
आप चाहे तो हरिद्वार में आश्रम में भी रुक सकते हैं, वहां की शांति कुंज आश्रम में रहना और खाना पीना सब कुछ फ्री होता है। हालांकि पर्यटक चाहें तो अपनी तरफ से कुछ पेमेंट भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सप्त ऋषि आश्रम भी है, जहां पर बहुत कम बजट के साथ आपको रहने और खाने-पीने की अच्छी सुविधा मिल जाती हैं।
हरिद्वार कैसे घूमे?
जब आप हरिद्वार पहुंचते हैं तो वहां के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या फिर एयरपोर्ट के बाहर आपको कई सारी बाइक और टैक्सी किराए पर मिल जाएगी। वहां पर न्यूनतम ₹500 के रिचार्ज पर 1 दिन के लिए बाइक किराए पर दिया जाता है, वही टैक्सी का किराया लगभग 600 से 800 तक पूरे दिन का हो सकता है।
आप यदि अकेले हैं तो बाइक की सवारी से पूरे हरिद्वार की यात्रा कर सकते हैं। यदि आप अपने परिवार के साथ है तो टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। यदि आपको इससे भी सस्ता चाहिए तो टूरिस्ट बस से भी पूरे हरिद्वार के पर्यटन स्थल का दर्शन कर सकते हैं।
आप जो भी गाड़ी किराए पर लेंगे, उसके लिए आपको आपका ओरिजिनल डॉक्यूमेंट सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना होगा, जो बाद में वाहन के रिटर्न करने पर आपको वह वापस लौटा दिया जाएगा।
हरिद्वार घूमने का कितना खर्चा लगेगा?
हरिद्वार घूमने का ज्यादा खर्चा नहीं लगेगा। आप कम बजट में हरिद्वार का आसानी से यात्रा कर सकते हैं। हरिद्वार को पूरा घूमने के लिए आपको 2 दिन का समय निकालना पड़ेगा। आप यहां पर ऑटो या टैक्सी किराए पर लेकर 1500 से 2000 के बीच में आप 2 दिन की यात्रा आराम से कर सकते हैं।
यदि आप होटल में ठहरते हैं तो आपको कम से कम प्रतिदिन का ₹1000 होटल चार्ज लग सकता है। साथ ही होटल में खाने पीने की फैसिलिटी का चार्ज अलग से जुड़ता है। लेकिन यदि आप कम खर्चे में हरिद्वार घूमना चाहते हैं तो आप वहां के आश्रम शांतिकुंज में रह सकते हैं, जो एक ट्रस्ट है और वहां पर सब कुछ फ्री होता है।
हालांकि आप चाहे तो अपने हिसाब से पेमेंट कुछ कर सकते हैं। इस तरीके से आप हरिद्वार 2 दिन की यात्रा लगभग दो हजार से पच्चीस में आराम से कर सकते हैं, वहीँ यदि आप किसी दूर प्रदेश से हरिद्वार घूमने के लिए आते हैं तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा जोड़कर 3 से ₹4000 का खर्च आ सकता है।
FAQ
हरिद्वार में कौन सा ज्योतिर्लिंगहै?
हरिद्वार में कोई ज्योतिर्लिंग नहीं है लेकिन हरिद्वार से 150 मील दूर केदारनाथ में हिमालय पर्वत पर ज्योतिर्लिंग स्थित है।
हरिद्वार किस चीज के लिए प्रख्यात है?
हरिद्वार ज्यादातर श्रद्धालु यहां पर डुबकी लगाने के लिए आते हैं। कहते हैं कि यहां से जो भी स्नान करता है, उसके करोड़ों जन्म का पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसका कभी अकाल मृत्यु नहीं होता।
हरिद्वार में कौन से भगवान है?
लोगों की मान्यता है कि हरिद्वार में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, विष्णु और महेश उपस्थित होकर इस भूमि को पवित्र बना दिए हैं।
क्या हरिद्वार का कोई प्राचीन नाम है?
हां, धर्म ग्रंथों के अनुसार हरिद्वार का प्राचीन नाम मायापुरी है। इसके अतिरिक्त इसे कपिलस्थान और गंगाद्वार जैसे विभिन्न नामों से भी पुकारा गया है।
हरिद्वार से नैनीताल की दूरी की दूरी कितनी है?
232.3KM via NH734
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको हरिद्वार के पर्यटन स्थल और घूमने की जानकारी (Haridwar me Ghumne ki Jagah), हरिद्वार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, हरिद्वार पर्यटन स्थल, साथ ही हरिद्वार की यात्रा के लिए आवश्यक टूर गाइड उपलब्ध की है, जो आपकी यात्रा को काफी आसान बना देगा।
हमें उम्मीद है कि यह लेख हरिद्वार में घूमने की जगह (Tourist Places in Haridwar) आपको अच्छा लगा होगा। यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।