ऋषिकेश में घूमने की जगह, खर्चा और जाने का समय

Rishikesh Me Ghumne ki Jagah: ऋषिकेश उत्तराखंड में बसा एक मशहूर पर्यटक स्थल है, जो उत्तराखंड का जिला देहरादून से 43 किलोमीटर दूर संथाल स्थान पर बसा हुआ है। ऋषिकेश को गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है।
यहां गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट काफी प्रसिद्ध है, जहां पर हर शाम महाआरती होती है और लाखों श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यहां पर गंगा नदी में डुबकी लगाने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। इसी के कारण यहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। ऋषिकेश को छोटा चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है, जहां पर पर्यटक बंजी जंपिंग, राफ्टिंग, कैंपिंग का लुफ्त उठाने के लिए आते हैं।


यदि आप भी ऋषिकेश घूमने की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं। क्योंकि आज के लेख में हम आपको ऋषिकेश घूमने की आवश्यक टूर गाइड (Rishikesh Tourist Places In Hindi) देने वाले हैं।

जिसमें आपको ऋषिकेश में घूमने लायक जगह, ऋषिकेश के प्रसिद्ध भोजन, ऋषिकेश से जुड़े रोचक तथ्य, ऋषिकेश में कहां ठहरे?, ऋषिकेश कैसे पहुंचे?, जैसी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं तो लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

ऋषिकेश से जुड़े रोचक तथ्य
पौरानिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि रैभ्य नाम के ऋषि इस जगह पर कठोर तपस्या किए थे, जिसके बाद भगवान विष्णु प्रसन्न होकर उन्हें ऋषिकेश के रूप में दर्शन दिए थे। तब से इस जगह का नाम ऋषिकेश पड़ गया। हालांकि ऋषिकेश शब्द का अर्थ भगवान का ज्ञान होता है।

ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट को सबसे बड़ा घाट माना जाता है, जहां पर हर शाम गंगा की महाआरती होती है। जहां पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमाए रहते हैं। इस स्थान का उल्लेख महाकाव्य महाभारत और रामायण में भी मिलता है।
पौरानिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला हुआ विष इसी जगह पर पिया था। इसके अतिरिक्त ऋषिकेश को गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री का प्रवेश द्वारा भी माना जाता है।
ऋषिकेश एक धार्मिक स्थल है, जिसके कारण यहां पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब का सेवन प्रतिबंधित होता है। इसके अलावा यहां पर मांसाहारी भोजन को भी वर्जित किया गया है।

यह टूरिस्ट प्लेस के लिए काफी मशहूर हैं। यहां पर ज्यादातर पर्यटक बंजी जंपिंग, कैंपिंग और रिवर राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए आते हैं। 60 के दशक में लोकप्रिय अंग्रेजी रॉक बैंड बीटल्स ऋषिकेश घूमने आए थे, जिसके बाद यह जगह काफी प्रसिद्ध हो गया।

ऋषिकेश में घूमने लायक जगह (Rishikesh Tourist Places in Hindi)
ऋषिकुंड
ऋषि कुंड त्रिवेणी घाट के कुछ ही दूर है, वहां से पैदल यहां तक आया जा सकता है। यह ऐसा अद्भुत कुंड है, जहां सर्दियों में कुंड का पानी गर्म रहता है। इस कुंड की पौराणिक कथा है कि इस कुंड को कभी ऋषियों के तपोबल के माध्यम से उत्पन्न किया गया था, जहां उनकी स्नान करने के लिए गंगा, यमुना सरस्वती और नदी का जल कुंड में इक्ट्ठा हुआ था।
ऋषिकुंड के पास ही रघुनाथ मंदिर भी स्थित है, जो भगवान राम और सीता को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम और सीता की सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई है।

बीटल्स आश्रम, ऋषिकेश
यह आश्रम राम झूला से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्वराश्रम क्षेत्र में एक चट्टान पर स्थित है। इस आश्रम को चौरासी कुटी के नाम से भी जाना जाता है। यहीं पर 1968 में ब्रिटिश बैंड ने रहकर ध्यान किया था और यहीं पर उन्होंने कई गीत भी रचे थे।

आश्रम परिसर में एक मंदिर, पुस्तकालय, महर्षि योगी का घर, मेडिटेशन झोपड़ी और रसोई है। हालांकि ज्यादातर इमारतें खराब हो चुकी है लेकिन दीवारों पर अभी भी रंगीन भित्तिचित्र मौजूद है। यहां पर आकर पर्यटक शांति और सुकून का अनुभव कर सकते हैं।

कौडियाला
ऋषिकेश का यह जगह ज्यादातर पर्यटक की पसंदीदा जगह है। क्योंकि यहां पर पर्यटक आकर रिवर राफ्टिंग, बोटिंग और पैराग्लाइडिंग का आनंद उठाते हैं। इस जगह पर आकर गोवा के बीच पर होने का एहसास होता है।

बंजी जंपिंग हाइट्स, ऋषिकेश
ऋषिकेश पर्यटकों में बंजी जंपिंग के लिए मशहूर है और ऋषिकेश का यह जगह लगभग 83 मीटर ऊंचाई के साथ भारत का सबसे ऊंचा बंजी जंपिंग प्लेटफार्म है। यहां पर पर्यटक बंजी जंपिंग के अलावा कई प्रकार के थ्रिलिंग एडवेंचर का आनंद ले सकते हैं, जिसमें फ्लाइंग फॉक्स और जायंट स्विंग के भी विकल्प है।

यहां पर राफ्टिंग 16 किलोमीटर, 22 किलोमीटर और 32 किलोमीटर की होती है। 16 किलोमीटर के राफ्टिंग का चार्ज 300 से ₹400 तक लगता है।

त्रिवेणी घाट
त्रिवेणी घाट पर यमुना, गंगा और सरस्वती नदी मिलती है। यहां पर शाम के समय महा आरती भी होती है और सुबह के समय गंगा आरती होती है।


पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है जर के तीर से घायल होने के बाद भगवान श्री कृष्ण इसी तट पर कुछ समय के लिए विश्राम किए थे, जिसके कारण घाट का महत्व और भी बढ़ जाता है।

कैलाश निकेतन मंदिर
13 मंजिले के साथ यह मंदिर ऋषिकेश का सबसे ऊंचा मंदिर है। यंहा सभी हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। मंदिर के सबसे उपरी मंजिल से ऋषिकेश की प्रकृति का सौंदर्य नजारा देखने को मिलता है, जो काफी मनमोहक लगता है।

ऋषिकेश के प्रसिद्ध भोजन
यदि आप यह सोच रहे हैं कि ऋषिकेश में जाने के बाद आपको वहां पर मांसाहारी व्यंजन खाने को मिलेगा तो यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि ऋषिकेश यह एक धार्मिक स्थान होने के साथ ही योगी और संन्यासियों का निवास स्थान है। इसीलिए वहां पर मांसाहारी खाना वर्जित है। वहां की सभी रेस्टोरेंट और सड़कों के ठेले पर केवल शाकाहारी खाना ही मिलता है।

यह धार्मिक स्थान होने और कई सारी स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए भी श्रद्धालु और पर्यटक बहुत ज्यादा मात्रा में घूमने के लिए आते हैं, जिसके कारण ऋषिकेश में मिलने वाला व्यंजन विविध और समृद्धि है। वहां पर आपको उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत की सभी प्रख्यात व्यंजन देखने को मिल जाएगी।
वहां पर आप अपने मनपसंद अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट्स, कैफे या फिर स्टॉल पर स्वादिष्ट व्यंजन को चख सकते हैं। वहां पर कुछ कैफे ऐसी हैं, जहां पर खाने के साथ बीटल्स थीम और संगीत को भी प्ले किया जाता है, जहां पर खाना खाना एक अच्छा अनुभव साबित हो सकता है। ऋषिकेश के पर्यटक के बीच लोकप्रिय कुछ स्ट्रीट फूड निम्नलिखित है।

समोसा
समोसा पूरे भारत में आम है जो प्रत्येक राज्य में मिलता है और हर किसी ने इसके स्वाद का अनुभव किया होगा। ऋषिकेश के हर नुक्कड़ पर भी आपको समोसे के ठेले देखने को मिल जाएंगे। ऋषिकेश घूमने आए कई लोगों के लिए सुबह का मुख्य नाश्ता समोसा होता है और स्वाद को बढ़ाने के लिए एक कप कॉफी या फिर चाय भी शामिल करते हैं।

आलू का विभिन्न प्रकार के मसालों के साथ भू़ज के उसे मैदे के आटे में स्टाफिंग करके बनाया जाता है। ऋषिकेश में आपको इस प्रकार के समोसे के अतिरिक्त एप्पल और चॉकलेट के स्टफिंग का भी समोसा देखने को मिल सकता है। आप चाहे तो उसे भी ट्राई कर सकते हैं।

मिठाई
यदि आपको मिठाई पसंद है तो ऋषिकेश में आपको बहुत सारी मिठाइयों की दुकानें दिख जाएगी। वैसे भी ऋषिकेश एक पवित्र और धार्मिक स्थान है, वहां पर पूजा के लिए प्रसाद के तौर पर लोग मिठाई को भी खरीदते हैं, जिसके कारण वहां पर विभिन्न प्रकार की मिठाई शुद्ध घी से बनी हुई देखने को मिल जाती है, उनका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। वहां पर बेसन की बर्फी, बेसन के लड्डू, नारियल की बर्फी जैसे अलग-अलग वैरायटी की मिठाई बेंची जाती है।

डोसा
जैसा हमने आपको बताया कि ऋषिकेश में भारत के सभी राज्यों से श्रद्धालु और पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, जिसके कारण वहां पर दक्षिण भारत की भी प्रसिद्ध व्यंजन डोसा आपको देखने को मिल जाएगी।

यदि आप दक्षिण भारत से हैं या फिर आप को ढोसा पसंद है तो आपको ऋषिकेश के रेस्टोरेंट में डोसे का स्वाद लेने का मौका मिल सकता है। इसे चावल और चने दाल के पतले पेस्ट से बनाया जाता है और उसके ऊपर चोखा डालकर उसे सांभर और अन्य तीखी चटनीयों के साथ परोसा जाता है।

पानी पुरी
पानी पुरी गेहूं से बने पूरी में चोखा डालकर उसे इमली के पानी में डुबोकर खाया जाता है। यह भारत के हर छोटे बड़े क्षेत्र में देखने को मिल जाएगा। यह भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड में से एक है।

आपको ऋषिकेश में भी सड़कों पर लगे ठेले के साथ साथ सभी रेस्टोरेंट ओर कैफे के मेन्यू में दिख जाएगा। ऋषिकेश में विशेष इमली की चटनी के साथ पानी पूरी परोसा जाता है, जिसका स्वाद वहां पर जाने वाले पर्यटक कभी भूल नहीं पाते हैं।

आलू पूरी
आपने आलू पूरी तो जरूर खाया होगा। यह एक पारंपरिक नाश्ता है जो पूरे देश में हर क्षेत्र में मिलता है। ऋषिकेश भी इससे अलग नहीं है। ऋषिकेश में भी आलू पुरी का स्वाद आपको मिल सकता है।

वहां पर इसे सूखे पत्तों से बने बर्तनों में परोसा जाता है। ऋषिकेश जाते हैं तो वहां पर मिलने वाले आलू पूरी और आपके क्षेत्र में मिलने वाले आलू पूरी के स्वाद में कुछ अंतर जरूर खोज सकते हैं।

छोले भटूरे
ऋषिकेश में आपको भारत के सभी राज्यों की पारंपरिक व्यंजन देखने को मिल जाएगी। छोला भटूरा हर पंजाबियों का सबसे पसंदीदा व्यंजन है। ऋषिकेश में भी आप छोला भटूरे खाने का आनंद उठा सकते हैं।

इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसके साथ एक गिलास लस्सी भी परोसा जाता है। ऋषिकेश में कई सारे आउटलेट हैं, जो छोला भटूरा के लिए प्रख्यात है। लेकिन वहां का छोटीवाला पर्यटकों के बीच छोला भटूरा के लिए काफी प्रख्यात है, जो लगभग 1958 से ही छोला भटूरा परोस रहा है।
ऋषिकेश कैसे पहुंचे?
ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य में है और उत्तराखंड भारत के विभिन्न बड़े शहरों से सड़क, हवाई और रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। यदि आप रेल मार्ग से ऋषिकेश जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन हरिद्वार पड़ता है। आप अपने शहर से हरिद्वार के लिए रेलवे टिकट बुक करवा सकते हैं।

यदि आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून एयरपोर्ट है, जहां से 34 किलोमीटर की दूरी पर ऋषिकेश पड़ता है। यहां से आपको ऋषिकेश के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।

ऋषिकेश में कहां ठहरे?
यहाँ पर ठहरने के आपको कोई भी परेशानी नहीं होती है। क्योंकि वहां पर ठहरने के लिए आपको कई सारे आश्रम, रिजॉर्ट और कैंपिंग जैसी सुविधाएं आपके बजट के अनुसार मिल जाती हैं।
ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर स्वर्ग आश्रम, गीता भवन, परमार्थ निकेतन और मधुबन जैसी कई सारी आश्रम आपको ठहरने के लिए मिल जाएगी, जहां पर काफी स्वच्छता के साथ शुद्ध भोजन यात्रियों को दिया जाता है। यहाँ की सबसे अच्छी बात यह है कि आप यहां पर फ्री में भी रह सकते हैं।

इन आश्रम में किराए पर भी रूम उपलब्ध होता है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इन रूमो में एसी और नॉन एसी रूम की भी सुविधाएं होती है। आप अपने बजट के अनुसार रूम बुक कर सकते हैं।
यहा की धर्मशाला गंगा नदी के तट पर बसे होने के कारण बालकनी से गंगा नदी का काफी खूबसूरत दृश्य भी देखने को मिल जाता है। इन आश्रम के रूम में रहना किसी शानदार होटल में रहने से कम नहीं।

ऋषिकेश कैसे घूमे?
ऋषिकेश घूमने के लिए आपको बहुत सारे वाहन किराए पर मिल जाएंगे। वहां पर कई सारी ऐसी दुकानें हैं, जहां पर बाइक या कार किराए पर दी जाती है। आप अपने अनुसार किसी भी वाहन को किराए पर ले सकते हैं। वहां पर बाइक की प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम किराया ₹500 दो लोगों के लिए होता है।

हालांकि अलग-अलग बाइक के लिए अलग-अलग किराया हो सकता है। किसी भी वाहन को किराए पर लेने के लिए आपको डॉक्यूमेंट सिक्योरिटी के तौर पर जमा करना पड़ता है, जो बाद में वाहन को जमा करते ही आपको वापस दे दिया जाता है।

ऋषिकेश कब जायें?
ऋषिकेश साल के जुलाई से अगस्त तक के महीने को छोड़कर कभी भी जाया जा सकता है। क्योंकि जुलाई से अगस्त के बीच में यहां पर भारी वर्षा होती है, जिसके कारण रिवर राफ्टिंग का भी आनंद नहीं लिया जा सकता।

हालांकि कुछ पर्यटकों को मार्च से अप्रैल और सितंबर अक्टूबर के महीने का समय यहां की यात्रा के लिए उचित लगता है क्योंकि इस दौरान मौसम गर्मी की होती है।

गर्मी के समय में ऋषिकेश में काफी ज्यादा अच्छा अनुभव प्राप्त होता है। हालांकि नवंबर से फरवरी तक यहां पर थोड़ी ठंड होती है लेकिन वातावरण सुखद होता है, यदि आप नवंबर से फरवरी के बीच यात्रा करना चाहते हैं तो अपने साथ कुछ गर्म कपड़े लेकर जा सकते हैं।

FAQ
ऋषिकेश में कौन सी नदी बहती है?
ऋषिकेश में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का मिलन होता है।

ऋषिकेश से नीलकंठ की चढ़ाई कितनी है?
ऋषिकेश से नीलकंठ की चढ़ाई लगभग 25 किलोमीटर है। कार से पहुंचने में लगभग 1 घंटा का समय लगता है।

ऋषिकेश में कौन सा मंदिर है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष इसी स्थान पर ग्रहण किया था, जिसके कारण यहां पर भगवान शिव को समर्पित नीलकंठ मंदिर हैं।

हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी कितनी है?
24.9 km via NH 34

निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको ऋषिकेश में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल (Rishikesh Me Ghumne ki Jagah) की सारी आवश्यक जानकारी दी। उम्मीद है कि इस लेख में ऋषिकेश की दी गई टूर गाइड आपकी यात्रा को सरल बनाने में मदद करेगी।

यदि लेख ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दोस्तों में जरुर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
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