राजीव सागर बांध (rajiv sagar dam) मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सीमा पर स्थित है। राजीव सागर परियोजना (Rajiv Sagar Project) का मुख्य उददेश्य सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है और बिजली का उत्पादन करना है। यह बांध पर्यटन के लिहाजे से प्रसिध्द है। यह बांध घने जंगल में स्थित है।
राजीव सागर बांध (rajiv sagar dam) बावनथड़ी नदी पर बनाया गया है। राजीव सागर परियोजना (Rajiv Sagar Project) मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र की अंतर राज्य परियोजना है। यह बांध मप्र एवं महाराष्ट्र सीमा है, जिससे बांध का आधा हिस्सा मध्यप्रदेश में है और आधा महाराष्ट्र में है। इस बांध के पानी का बंटवारा सिचांई के लिए दोनों राज्यों में बराबर होता है।
राजीव सागर बांध (rajiv sagar dam) का निर्माण बालाघाट जिले की तहसील कटंगी के पास कुड़वा नाम के गांव के पास हुआ है। बालाघाट से यहां बांध करीब 100 किलोमीटर दूर है। यह बांध महाराष्ट्र के भंडारा जिले की तहसील तुमसर के पास ही में बना हुआ है। भंडारा जिलें से यह बांध करीब 50 किलोमीटर दूर है। तुमसर से इसकी दूरी लगभग 40 किमी है।
राजीव सागर बांध (rajiv sagar dam) 31 मीटर ऊंचा है और यह बांध करीब 6 किलोमीटर की लंबाई पर बना हुआ है। बांध का जल भराव क्षेत्र 1365 वर्ग किलोमीटर है। बांध की जल भराव क्षमता 280.24 मीटर है। इस बांध की नींव 1975 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के द्वारा इस परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। 2012 में बांध का काम पूरा हुआ और इसमें पहली बार पानी भरा जाने लगा। यह बांध बालाघाट के कुड़वा ग्राम के नजदीक है, जिसके कारण इस बांध को कुड़वा बांध कह जाता है।
राजीव सागर बांध (rajiv sagar dam) तक जाने के लिए किसी प्रकार की बसें उपलब्ध नहीं है, इसलिए आपको इस बांध तक अपने निजी वाहन से जाना पड़ेगा या आप चाहे तो ऑटो या टैक्सी बुक करके भी इस जगह तक पहुंच सकते हैं। यह जगह बरसात में बहुत खूबसूरत रहती है और चारों तरफ हरियाली रहती है, तो आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा। आप यहां पर अपनी फैमिली और परिवार के लोगों के साथ आ सकते हैं। इस जगह पर एक पार्क भी उपलब्ध है। जहां पर आप अपना पूरा दिन बता सकते हैं और इस डैम के खूबसूरत नजारे भी देख सकते हैं।
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