सोन नदी (Son river) के उत्पत्ति स्थल के बारे में जानकारी

सोन नदी का उद्गम स्थल, अमरकंटक - Origin of Son River, Amarkantak



सोन नदी मध्य प्रदेश (Son River Madhya Pradesh) की मुख्य नदी है। सोन नदी मध्यप्रदेश (Son River Madhya Pradesh) के अमरकंटक से निकलती है। सोन नदी (son nadi) गंगा नदी की सहायक नदी है। अमरकंटक अनूपपुर जिले में आता है। सोन नदी का उद्गम (son nadi ka udgam) सोनमुड़ा से होता है। यहां पर सोन नदी 1 कुंड से निकलती है। कुंड से एक पतली सी धार निकल कर आगे इतना बड़ा नदी का रूप धारण करती है। सोन नदी को स्वर्ण नदी के नाम से भी जाना जाता है। सोन नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य में बहती है। सोन नदी बिहार राज्य में बहती हुई पटना जिले के दीनापुर में गंगा नदी से मिल जाती है। गंगा नदी से सोन नदी का संगम हो जाता है और यहां पर सोन नदी की यात्रा खत्म हो जाती है। सोन नदी की कुल लंबाई 780 किलोमीटर है। 

सोन नदी के उद्गम स्थल (son nadi ka udgam sthal) पर 2 कुंड देखने के लिए मिलते हैं। यह 2 कुंड सोन और भद्र के नाम से जाने जाते हैं। सोन और भद्र कुंड (son aur bhadra kund) के बारे में कहा जाता है, कि सोना और भद्र ब्रह्माजी के मानस पुत्र थे और सोन नदी उद्गम स्थल (son nadi udgam sthal) से निकलकर भद्र से सोन नदी का संगम होता है। उसके बाद सोन नदी आगे बढ़ती है, और एक सुंदर जलप्रपात देखने के लिए मिलता है। यह जलप्रपात बहुत सुंदर है। यह जलप्रपात करीब 300 फुट नीचे गिरता है। इस जलप्रपात को सोनभद्र जलप्रपात (sonbhadra jalaprapat) के नाम से जाना जाता है। यहां पर आकर बहुत सुंदर लगता है। 

सोनभद्र जलप्रपात (sonbhadra jalaprapat) के पास में ही व्यूप्वाइंट बना हुआ है, जहां से हम सोनभद्र जलप्रपात के सुंदर दृश्य को देख सकते हैं और यहां से हम दूर तक फैली हुई हरियाली को देख सकते हैं। इस व्यूप्वाइंट को सुसाइड पॉइंट भी कहा जाता है। इस व्यू प्वाइंट से दूर तक का नजारा देख कर बहुत अच्छा लगता है। इस व्यूप्वाइंट से हमें पेंड्रा तक का दृश्य देखने के लिए मिल जाता है। 

सोन नदी उत्पत्ति स्थल (son nadi utpatti sthal) पर हमें बहुत सारे मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। जहां पर सोन नदी का उद्गम स्थल (son nadi ka udgam sthal) है। वहां पर एक कुंड बना दिया गया है और कुंड के बीच में शंकर जी के शिवलिंग को विराजमान किया गया है। इस कुंड में शंकर जी का शिवलिंग भी पूरी तरह से नहीं डूबा है। मगर सोन नदी की धारा यहां पर 12 महीने बहती रहती है। यहां पर एक पतली सी धारा बहती है। 

सोन नदी उत्पत्ति स्थल (son nadi utpatti sthal) पर हमें हनुमान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर हनुमान जी की बहुत बड़ी मूर्ति देखने के लिए मिलती है। हनुमान जी के मंदिर के पास में ही शंकर जी का मंदिर बना हुआ है और शंकर जी का शिवलिंग और नंदी भगवान की प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यहां पर भैरव बाबा की भी मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं और यहां पर शंकर जी की मूर्ति भी विराजमान है। उनके साथ शिवलिंग भी विराजमान है। यहां पर आपको श्री शोणाक्षी शक्तिपीठ मंदिर देखने के लिए मिलता है। यह मंदिर बहुत सुंदर है और इसमें माता की भव्य प्रतिमा विराजमान है। यहां पर आपको सिद्ध समाधि स्थल भी देखने के लिए मिलता है। 

अगर आप सोनमुड़ा सुबह के समय आएंगे, तो आपको खूबसूरत सनराइज भी देखने के लिए मिलेगा, जो एक अद्भुत अनुभव होता है। यहां पर बहुत सारे बंदर भी है, जिनसे आपको कोई खतरा नहीं है। जब तक आप उनको कोई हानि नहीं पहचानते। तब तक वह आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। वह सिर्फ आपसे खाने के लिए उम्मीद रखते हैं और आपके पास अगर कुछ खाना ना हो, तो आप अपने रास्ते चलिए। यहां पर बस अब आप अपना सामान बचा कर रखी है, क्योंकि बंदर आपका सामान छीन कर भाग सकते हैं। 

सोन नदी की उत्पत्ति स्थल (son nadi ki utpatti sthal) पर आने के लिए जो सड़क है। वह भी बहुत मस्त है। यह सड़क दोनों तरफ हरे भरे पौधों से घिरी हुई है और यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। सोन नदी उद्गम स्थल (son nadi udgam sthal) माई की बगिया से करीब 1 किलोमीटर दूर है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। सोनभद्र जलप्रपात (sonbhadra jalaprapat) के गिरने के पश्चात सोन नदी थोड़ी दूरी तक दिखती है। उसके बाद सोन नदी गुप्त हो जाती है। सोन नदी भूमिगत बहती है और धनपुर के पास निकलती है और वहां से सोन नदी की यात्रा प्रारंभ होती है। 




सोन नदी की सहायक नदी कौन सी है
Son Nadi ki Sahayak Nadi Kaun si hai
सोन नदी की मुख्य सहायक नदियां :- केवई नदी, टीपन नदी, सरफा नाला, कुनुक नदी, मोहना नदी, जोहिला नदी, जरवाही नदी, बनास नदी, गोपद नदी, रिहंद नदी, कोएल नदी।


सोन नदी घाटी परियोजना
Son Nadi Ghati Pariyojana
सोन नदी घाटी परियोजना के अंतर्गत एक ही बांध सोन नदी पर बना हुआ है। यह बांध मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य ने इस बांध को बनाया हुआ है। इस बांध को बाणसागर बांध के नाम से जाना जाता है। यह बांध यह बांध इन तीनों राज्यों की संयुक्त परियोजना है। यह एक बहुउद्देश्यीय बांध है। 



सोन नदी किन किन जिलों से होकर गुजरती है
Son Nadi kon kon jile se hokar gujarti hai
सोन नदी शहडोल, उमरिया, सीधी, सोनभद्र और पटना जिले में में बहती है। पटना जिले के पास यह गंगा नदी से मिल जाती है।



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