वृंदावन में घूमने की जगह और दर्शनीय स्थल, खर्चा और जाने का समय

Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah: हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का अतुलनीय ओहदा है। भगवान कृष्ण को द्वापर युग का अवतरित इंसान माना जाता है। हिंदू धर्म में जितने भी देवताओं का वर्णन किया गया है, उन सभी देवताओं में सबसे अधिक साक्षात देवता का अवतार केवल कृष्ण को माना गया है।

कृष्ण की बाल लीलाओं से वृंदावन भरा पड़ा है। वृंदावन कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है, जो उनके बाल कांड के लिए प्रचलित है। अगर आप वृंदावन में देखने लायक स्थान ढूंढ रहे हैं तो आज के लेख में हम आपको को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रस्तुत करेंगे।

वृंदावन मुख्य तौर पर कृष्ण की बाल लीलाओं के लिए प्रसिद्ध है। वृंदावन को कृष्ण की बाल भूमि या बाल कर्म भूमि कहा जाता है। अनेक हिंदू धर्म के कृष्ण भक्त सालों भर वृंदावन की वादियों में श्रद्धालु बनकर आते हैं।

अगर आप भी वृंदावन में घूमने की जगह ढूंढ रहे हैं और वृंदावन की ओर प्रस्थान करना चाहते हैं तो आज के लेख में दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ें। यहाँ पर हम वृंदावन घूमने के स्थान (best places to visit in vrindavan), वृंदावन के नजदीक घूमने की जगह (places to visit near vrindavan), वृन्दावन जाने का सही समय (best time to visit vrindavan) आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
वृंदावन के बारे में रोचक तथ्य
वृंदावन भगवान कृष्ण की याद दिलाता है। यह हिंदू धर्म के लिए काफी पवित्र स्थल माना जाता है। मगर इस मंदिर से जुड़े अनेकों ऐसे राज हैं, जो आपको नहीं पता होगा। इस वजह से हमने कुछ फैक्ट्स नीचे बताए हैं।

वृंदावन में आज भी बांसुरी की आवाज सुनाई देती है। यह आवाज सुनने के लिए लोग कई रातों तक वृंदावन में रुकते हैं।
भारत का सबसे ऊंचा मंदिर जिसे प्रेम मंदिर कहा जाता है, जो कृष्ण और राधा को समर्पित है, वह वृंदावन में स्थित है।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जो वृंदावन से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
वृंदावन में आपको अनेकों ऐसे मंदिर मिल जायेंगे, जिनमें अप्रतिम कारीगरी की गई है।
वृंदावन में बहुत से ऐतिहासिक धरोहर, सैकड़ों आश्रम और कई गौशालाएं हैं। यहां पर बहुत सारा विधवा आश्रम होने के कारण वृंदावन को विधवाओं का शहर भी कहा जाता है। यहां पर बड़ी संख्या में विधवाएं रहती हैं।
वृंदावन अपने मंदिर और खूबसूरत वातावरण के साथ प्रमुख हिंदू स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
वृंदावन में घूमने की जगह (Vrindavan Tourist Places in Hindi)
वृंदावन मथुरा से 12 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है। मथुरा वृंदावन और गोकुल कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ अमूल्य स्थान है। यह तीनों स्थान भारत के प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश राज्य में आपको मिलेंगे। हर कोई वृंदावन में कृष्ण के बाल कांड को महसूस करने के लिए जाता है। हजारों श्रद्धालु सालों भर वहां कृष्ण और राधा की पूजा करते हैं।

वृंदावन कृष्ण की बाल लीलाओं के लिए काफी अधिक प्रचलित है। इस वजह से वहां कृष्ण और राधा की अनेकों मूर्तियां हैं। हम कृष्ण और राधा की प्रेम कथा के बारे में तो जानते ही हैं। ऐसी ही प्रेम की निशानी है वृंदावन। इस प्रचलित गांव में अनेकों वन, उपवन और मंदिर है जिन्हें आप देखना चाहेंगे।

केसी घाटो
केसी घाट वृंदावन के धार्मिक स्थलों में से एक है। भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन का ज्यादातर समय वृंदावन में बिताए थे और माना जाता है इसी घाट पर भगवान श्री कृष्ण ने दुष्ट राक्षस केसी का वध किया था और उसके अत्याचार और दुष्टता से उनके मित्र व समुदायों को बचाया था।

धन वाणी
वृंदावन में घूमने लायक जगह में से एक धनवाणी है। माना जाता है भगवान श्री कृष्ण यहां पर रासलीला क्या करते थे। यहां पर सुबह 5:00 बजे से शाम के 8:00 बजे तक घूमने के लिए आ सकते हैं।

राधा दामोदर मंदिर
श्री राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के खूबसूरत धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर वृंदावन में स्थित सात गोस्वामी मंदिरों में से एक है, जिसकी स्थापना 1542 में एक गुरु श्रील जीवा गोस्वामी द्वारा की गई थी।

मुगल काल में औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला भी किया, जिसके कारण इस मंदिर का काफी नुकसान हुआ। जिसके बाद 1740 में मूर्ति को जयपुर में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मंदिर में दो प्रमुख खंड है प्रार्थना कक्ष और दूसरे कक्ष में श्रील जीवा गोस्वामी, कृष्ण दास कविराज गोस्वामी, भुगर्भ गोस्वामी और श्रील रूप गोस्वामी की समाधि मौजूद हैं।

इस मंदिर में श्री दामोदर के साथ श्री राधा रानी और ललिता साक्षी की मूर्तियाँ हैं। इस मंदिर का दर्शन करने आने वाले भक्त अक्सर राधा दामोदर मंदिर की 4 परिक्रमा करते हैं। सुबह के 6:30 बजे से शाम के 9:30 बजे तक श्रद्धालु इस मंदिर का दर्शन करने आ सकते

रंगजी मंदिर
वृंदावन-मथुरा मार्ग पर स्थित रंगजी मंदिर जो भगवान विष्णु के 108 दिव्य देशों में से एक हैं। इस मंदिर को श्री रंगनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण 1851 में किया गया था।

इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के दूल्हे रूप में मूर्ति स्थापित की गई है और इनकी दुल्हन अंडाल हैं। इस तरह इस मंदिर में भगवान कृष्ण और अंडाल की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है।

मंदिर में पानी की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ यहां पर एक उद्यान भी है। इस मंदिर में दर्शकगण सुबह 6:00 बजे से रात्रि के 11:00 बजे तक आ सकते हैं।

प्रेम मंदिर
वृंदावन का कृष्ण और राधा के प्रेम लीला की वजह से भी जाना जाता है। इस वजह से वहां एक प्रसिद्ध प्रेम मंदिर बनाया गया है, जिसे बनाने में 11 वर्ष का समय और 100 करोड़ से अधिक की धनराशि लगी है।
प्रेम मंदिर इटालियन करारा मार्बल से बना हुआ है। इस मंदिर पर जो कारीगरी की गई है, उस को देखकर आप भारतीय संस्कृति और शिल्प कला के नए रूप को देख पाएंगे।

कुसुम सरोवर
वृंदावन में स्थित कुसुम सरोवर गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर राधा कुंड के निकट स्थापित की गई है। यह स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट नमूना है, जिसका निर्माण जवाहर सिंह द्वारा उनके पिता सूरजमल की स्मृति में किया गया था।

उस दौरान यह कुंड कच्चा था, लेकिन 1675 के बाद ओरछा के राजा जिनका नाम राजा वीर सिंह था, उन्होंने इस कुंड को पक्का करवाया। उन्होंने अपनी रानी किशोरी के लिए यहां पर बाग बगीचे का भी निर्माण कराया, जिससे यह कुंड वर्तमान में काफी सुंदर और मनोरम लगता है।

मदन मोहन मंदिर
वृंदावन में स्थित मदन मोहन मंदिर वैष्णव संप्रदाय का एक मंदिर है। हालांकि इस मंदिर के निर्माण और शिल्प के संबंध में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

लेकिन प्रचलित कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि एक रामदास खत्री नामक व्यापारी हुए थे, जो अपने व्यापार से लदे हुए नाव से यमुना को पार करके आ रहे थे। उसी दौरान उनकी नांव यमुना में फंस गई तब उन्होंने मदन मोहन जी की प्रार्थना की और भगवान मदन मोहन ने उन्हें दर्शन दिया। इसके बाद यहां पर मदन मोहन की मंदिर स्थापित की गई।

इस्कॉन मंदिर
1975 में इस्कॉन मंदिर को हजार से भी अधिक संस्कारों ने मिलकर वृंदावन में ऐसी जगह बनाया है, जहां माना जाता है कि भगवान कृष्ण वहां अपने दोस्तों के साथ खेलने और गया चढ़ाने आते थे।

इस्कॉन संस्था को तो लगभग आज पूरी दुनिया में सब कोई जानता है। हिंदू धर्म के प्रचारक के तौर पर इस संस्था को पूरे विश्व में प्रचलित मान्यता दी गई है।

बांके बिहारी मंदिर
अकबर के नवरत्न में शामिल तानसेन को लगभग हर कोई जानता है। उनके गुरु स्वामी हरिदास ने अपने भगवान श्री कृष्ण के लिए निर्माण आज से कई साल पहले किया था।

इस मंदिर में राजस्थान के कारीगरों ने खासतौर पर नक्काशी की है, जिसे देखने के लिए पूरे विश्व से लोग आते हैं। अगर आप भगवान श्री कृष्ण के अनुयाई हैं तो आपको इस मंदिर में अवश्य आना चाहिए।

श्री वृंदाकुंड
श्री वृंदा कुंड वृंदावन में स्थित ऐसी पवित्र और धार्मिक जगह है, जहां पर बैठकर वृंदा देवी रोज भगवान श्री कृष्ण और राधा के द्वारा बिताए जाने वाले दिनों के बारे में विचार करती थी। यहां पर वृंदा देवी की सुंदर प्रतिमा भी स्थापित हैं।
गोविंद देव मंदिर
वृंदावन में घूमने लायक दार्शनिक स्थलों में से एक गोविंद देव मंदिर भी है, जो वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अनोखी है। इस मंदिर का निर्माण लाल रंग के पत्थरों से किया गया है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जिसका निर्मल 1550 ईसवी में किया गया था।

इस मंदिर की भव्यता का बखान करते हुए एक उद्धरण है कि जब औरंगजेब शाम को टहल रहे थे तब दक्षिण पूर्व से दूर से उन्हें एक रोशनी दिखी, जिसके बारे में पूछे तो पता चला कि यह चमक वृंदावन की इस भव्य मंदिर की है। 1670 में इस मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया था।

पागल बाबा मंदिर
वृंदावन में एक 10 मंजिला मंदिर है, जो काफी खूबसूरत दिखता है। वह संगमरमर यह 10 मंजिली इमारत अपनी खूबसूरती से किसी का भी देना अपने वश में कर सकती है, वह मंदिर मार्ग के फूल के समान दिखती है।

माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण राधे के लिए यही अपनी बांसुरी बजाया करते थे। इस मंदिर की सुंदरता इतनी भव्य है कि कई घंटों तक लोग इसे दूर से निहारते रहते हैं।
इस प्रकार वृंदावन में और भी अनेक जगह है, जहां पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं। यह एक हिंदू पवित्र स्थल है, इस वजह से आपको यहां श्री कृष्ण और हिंदुत्व से जुड़ी आने को बातें और मंदिर देखने को मिलेंगी।

वृंदावन के आसपास घूमने लायक जगह (Place to Visit Near Vrindavan)
कृष्ण जन्म भूमि मंदिर
प्रेम मंदिर
कुसुम सरोवर
 द्वारकाधीश मंदिर
 रंगजी मंदिर

वृंदावन में 1 दिन में घूमने लायक जगह (Place to Visit in Vrindavan in One Day)
पागल बाबा मंदिर
सेवा कुंज और निधिबन
शाहजी मंदिर गोवर्धन हिल
बांके बिहारी मंदिर
गोविंद देव मंदिर
श्री वृंदाकुंड
इस्कॉन मंदिर
मदन मोहन मंदिर
गोविंद देव मंदिर
राधा दामोदर मंदिर

वृंदावन के प्रसिद्ध और स्थानीय भोजन
वृंदावन में लोग वृंदावन में श्रद्धालु बन कर रह जाते है और कृष्ण के अनुयाई पूजा के भाव से जाते हैं। यह स्थान में हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व रखता है। यहां पूजा पाठ करने का इतना अधिक वातावरण होता है कि लोग खाने पीने पर ध्यान नहीं देते।

लेकिन अगर आप वृंदावन घूमने जा रहे हैं और वहां से कुछ खाने की प्रसिद्ध चीज लेकर आना चाहते हैं तो आपको बता दे वृंदावन उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस वजह से अब उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध चीज खाने में लेकर आ सकते हैं।

भगवान श्री कृष्ण के साथ गाय का एक अनूठा रिश्ता रहा है। इस वजह से आप यह समझ सकते है कि दूध काफी अधिक होता है, इस वजह से दूध से बनने वाली चीज काफी अधिक प्रसिद्ध है।

खास तौर पर वृंदावन का पेड़ा दुनिया भर में प्रसिद्ध है। वृंदावन में माखन, घी और पेड़ा काफी अधिक प्रसिद्ध है। तो अगर आप वृंदावन में घूमने जा रहे हैं तो वहां से पेड़ा और माखन लाना ना भूलें, जो भगवान श्री कृष्ण को भी काफी अधिक पसंद है।

वृंदावन में रुकने की जगह (Vrindavan me Rukne ki Jagah)
अगर आप कुछ दिन की छुट्टी में वृंदावन घूमने जा रहे हैं तो आपको बता दें वृंदावन में अनेकों रुकने की जगह है। वृंदावन में प्रेम मंदिर, कृष्ण बलराम मंदिर, पागल बाबा का मंदिर कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने का अच्छा व्यवस्था किया गया है।

इसके अलावा आपको वृंदावन में एक से एक धर्मशाला और सराय मिल जाएंगे, उनमें से कुछ ₹500 से भी कम में उपलब्ध है। आपको कुछ ऐसे एसी डीलक्स रूम भी मिल जाएगी, जो ₹5000 प्रति बेड चार्ज करती है।

अगर इन प्रचलित मंदिर के अलावा आप कोई खास आश्रम में रुकना चाहते है तो हम आपको श्री राधा दामोदर धाम के आसर्म कम होटल का सुझाव देंगे, जहां आप कुछ दिन के लिए रुक सकते है।

यहां आपको ₹800 में अच्छी रुकने की सुविधा मिल जाएगी। इसके अलावा आपको और भी विभिन प्रकार के आश्रम और धर्मशाला मिल जायेंगे, जहाँ आप काम पैसे में रुक सकते है। अगर आपका बजट अच्छा है तो आपको एसी बिना एसी वाले होटल रूम भी मिल जाएंगे।

इसके अलावा हम अपने अनुभव से बताएं तो निधिवन सरोवर जो इस्कॉन मंदिर से थोड़ी दूर है, वहां रुकने के लिए काफी अच्छी जगह है। वहां उतना आरामदायक व्यवस्था किया गया है और उसके साथ ही आपको वृंदावन के जायकेदार खाने का लुफ्त उठाने का मौका भी मिलेगा। वहां से आपको वृंदावन के सभी मंदिर में जाने के लिए सीधे ऑटो या टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी।

वृंदावन जाने का सबसे अच्छा समय
वृंदावन आप साल के किसी भी मौसम में जा सकते हैं। मगर सबसे खूबसूरत नजारा और सेल्फी खींचने लायक फोटो आपको नवंबर के महीने में मिलेगा।

वृंदावन उत्तर प्रदेश में है, जहां ठंड दक्षिण भारत के मुकाबले अधिक पड़ता है। इस वजह से हम सुझाव देंगे कि अगर आप भारत के निचले भाग से आ रहे हैं तो पर्याप्त मात्रा में ठंड से बचने के लिए स्वेटर और उन्हीं कपड़े लेकर आए।

ऐसा इस वजह से क्योंकि वृंदावन का नजारा ठंड के मौसम में कुछ अलग ही प्रतीत होता है। वहां ठंड के मौसम में आपको इतनी खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे कि आप “वाह” बोलने से रुकेंगे नहीं।

ठंड के मौसम के अलावा होली का महीना भी वृंदावन घूमने की एक खूबसूरत जगह है। कृष्ण और गोपियों की रासलीला किसी से नहीं छुपी है। इस वजह से होली के दिन वृंदावन में एक अलग ही किस्म की धूम मची रहती है।
आपको मार्च के महीने में होली में कुछ दिन बाकी हो तब वृंदावन जाना चाहिए। वहां की होली काफी चर्चित मानी जाती है। उस को देखने के बाद आप काफी अच्छा महसूस करेंगे।

वृंदावन कैसे जाएं?
अगर आप उत्तर प्रदेश के किसी इलाके से वृंदावन जा रहे हैं तो आपको वहां जाने के लिए रेल मार्ग हवाई मार्ग और सड़क मार्ग के अनेकों विकल्प मिल जाएंगे। हम इनके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी नीचे दे रहे हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप किसी अन्य राज्य से भी वृंदावन घूमने आ सकते हैं।

अगर आप दिल्ली या उसके आसपास के इलाके से वृंदावन जाना चाहते हैं तो उस रास्ते पर सबसे तेज चलने वाली ट्रेन शकूरबस्ती मथुरा एक्सप्रेस है, जो शाम को 7:00 बजे दिल्ली के रेलवे स्टेशन से रवाना होती है।

अगर आप उत्तर प्रदेश के किसी अन्य जगह से ताल्लुक रखते हैं तो मशहूर ताज एक्सप्रेस का नाम आपने सुन रखा होगा। वह भी मथुरा जाने के लिए लोगों की लोकप्रिय एक्सप्रेस ट्रेन है।

रेल मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?
अगर आप भारत के किसी अन्य राज्य से वृंदावन घूमने जाना चाहते हैं तो हम सुझाव के रूप में आपको कहेंगे कि किसी एप्लीकेशन या रेलवे स्टेशन से जाकर वृंदावन जाने वाली ट्रेन के बारे में सटीक जानकारी एकत्रित कर लें। आपको उत्तर प्रदेश आने के लिए कोई भी ट्रेन मिल जाएगी और उत्तर प्रदेश में लगभग सभी ट्रेन वृंदावन रेलवे स्टेशन पर जाती है।

सड़क मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?
वृंदावन जाने के लिए आपको बहुत सारे बस की सुविधा मिल जाएगी। मगर सुझाव के तौर पर हम आपको कहेंगे कि पहले मथुरा जाने वाले बस को चुने। मथुरा जाने के लिए आपको काफी सस्ते और जल्दी बस की सुविधा मिल जाएगी।
आप चाहे किसी भी राज्य से हो आपको उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर मथुरा जाने का सड़क मार्ग किसी भी बस के जरिए मिल जाएगा। अगर ऐसा संभव ना हो तो आप उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर के लिए एक बस ले लें और फिर आपको उत्तर प्रदेश के किसी शहर से मथुरा के लिए बस मिल जाएगी।

मथुरा से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर वृंदावन शहर स्थित है, जहां आप किसी भी ऑटो, टैक्सी या टेंपो के जरिए जा सकते हैं।

हवाई मार्ग से वृंदावन कैसे जाएं?
लगभग किसी भी राज्य से आपको वृंदावन जाने के लिए हवाई मार्ग के अनेकों हवाई जहाज मिल जाएंगे। अगर आप वृंदावन किसी और राज्य से जाना है तो आपको किसी भी राज्य से उत्तर प्रदेश के लखनऊ एयरपोर्ट तक के लिए हवाई जहाज मिल जाएगा। ऐसा इस वजह से कह रहे हैं, क्योंकि मथुरा वृंदावन में एयरपोर्ट की सुविधा मौजूद नहीं है।
लखनऊ एयरपोर्ट से आपको बस या सड़क मार्ग के किसी भी गाड़ी से वृंदावन तक जाना होगा। अगर आप वृंदावन से बहुत दूर रहते हैं तो हवाई जहाज से आप लखनऊ तक आ सकते हैं। उसके बाद किसी सड़क मार्ग के रास्ते या लोकल ट्रेन के जरिए मथुरा स्टेशन या वृंदावन तक आ सकते हैं।
वृंदावन घूमने में कितना खर्च आएगा?
अगर आप वृंदावन घूमना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि वहां घूमने में आपको कितना खर्च आएगा। तो बता दें वृंदावन हिंदुओं का पवित्र स्थल है, जिसे घूमने फिरने से ज्यादा पूजा पाठ करने के लिए प्रचलित माना जाता है और पूजा करने में अधिक खर्च नहीं आता। इस वजह से हम कह सकते हैं कि वृंदावन कम पैसों में छुट्टी मनाने की सबसे अच्छी जगह है।

इस स्थान पर आपको घूमने के लिए अनेकों खूबसूरत उपवन और नजारे देखने को मिलेंगे। इसके अलावा भारत के प्रसिद्ध शिल्पकारों द्वारा रची गई अनेकों कलाकृतियां मंदिर पर साफ नजर आती है, जो इस जगह को अत्यधिक खूबसूरत बनाती है। मगर उन मंदिरों में घूमने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।
सरल शब्दों में खर्च की बात करें तो आप कम से कम ₹500 और अधिक से अधिक ₹5000 में रहने की शानदार जगह है, वृंदावन में पा सकते हैं। इसके अलावा खाने-पीने में आप अपने अनुसार खर्चा कर सकते हैं। एक व्यक्ति ₹500 में भी वृंदावन घूम सकता है और ₹5000 में भी आलीशान तरीके से वृंदावन घूम सकता है।

उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर के बीच में स्थित होने की वजह से यहां तक पहुंचने के लिए आप को बड़ी सरलता से सड़क मार्ग ट्रेन मार्ग और वायु मार्ग के रास्ते मौजूद है। वृंदावन में जाकर बड़ी आसानी से आप किसी आश्रम या होटल में रुक सकते हैं।

वहां के नजारा और मंदिर के शिल्पकारी को देखने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। इस वजह से अब बड़ी ही कम दाम में वृंदावन आसानी से घूम सकते हैं। आप 1 से 2 दिन की छुट्टी में भी पूरा वृंदावन घूम सकते हैं।
वृंदावन घूमने के लिए साथ में क्या रखें?
वृंदावन में घूमने के लिए आपको अनेकों मंदिर देखने को मिलेंगे। इस वजह से पूजा की सामग्री अपने पास रख लें। इसके अलावा भी कुछ अन्य आवश्यक चीजें हैं, जो किसी भी सफर में आप के लिए बहुमूल्य साबित हो सकती है, जिसकी एक संक्षिप्त सूची आपको नीचे प्रस्तुत की गई है।

वृंदावन एक प्रसिद्ध स्थल है, जहां अब बड़ी आसानी से मंदिर और हिंदुओं के पवित्र स्थल को देख पाएंगे। इस वजह से हम आपको सुझाव देंगे कि पूजा पाठ करने के लिए सामान ना लेकर जाएं। क्योंकि वहां आपको पूजा पाठ करने के लिए सभी प्रकार की सुविधा मिल जाएगी।
वृंदावन घूमने का सबसे सही समय ठंड के मौसम में होता है। उत्तर प्रदेश में होने की वजह से वृंदावन में ठंड काफी अधिक पड़ती है। इस वजह से आपको गर्म कपड़े ऊनी कपड़े रखने की आवश्यकता है। अगर आप उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों से है तो आपको वहां के ठंड का अंदाजा होगा। मगर आप किसी अन्य राज्य से आ रहे हैं तो आपको बता दें कि वहां काफी अधिक ठंड होती है। अगर आप मार्च में होली मनाने के लिए वृंदावन जा रहे हैं तो अधिक ठंड वाले कपड़े ले जाने की आवश्यकता नहीं है। मगर फिर भी छोटे-मोटे गर्म कपड़े की जरूरत फिर भी आपको पड़ सकती है।

कोरोना के बाद आप कहीं भी घूमने जा रहे हैं आपको अपने साथ टीकाकरण की वेरिफिकेशन कागज रखना आवश्यक है। अगर अपने कोरोना की दोनों टीकाकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर लिया है तो इसकी एक आवश्यक वेरिफिकेशन कागज अपने पास रख लें। इसके अलावा अपना आईडी कार्ड और जिस मार्ग से आप जा रहे हैं, उसके आवश्यक टिकट और अन्य दस्तावेज के साथ आवश्यक पैसे अपने साथ रख लें।
पूरा वृंदावन आप दो से तीन दिन में घूम सकते हैं। इस वजह से आपको अत्यधिक सामान ले जाने की आवश्यकता नहीं है। अपनी आवश्यकता अनुसार ही समान लेकर जाएं।

वृंदावन फोटो गैलरी (Vrindavan Tourist Places Images)






FAQ
वृंदावन क्यों प्रचलित है?
वृंदावन कृष्ण के बालकांड की वजह से प्रचलित है। वृंदावन वही जगह है, जहां कृष्ण अपने बचपन में उधम मचाया करते थे।

वृंदावन की सबसे खास बात क्या है?
वृंदावन में कृष्ण अपनी गोपी सखियों के साथ और राधा के साथ रास लीलाएं और अनेक प्रेम कथाएं मनाया करते थे। इस वजह से यह स्थान में हिंदुओं के लिए आवश्यक है।

वृंदावन का विशेष आकर्षण क्या है?
वृंदावन में विशेष आकर्षण श्री राधा दामोदर मंदिर का है, जो सेवा कुंज के नजदीक लोई बाजार में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना गुरु श्रील जीवा गोस्वामी द्वारा 1542 में किया गया था।


वृंदावन में घूमने लायक क्या है?
वृंदावन में आपको प्रेम मंदिर, पागल बाबा मंदिर, सेवा कुंज और निधिबन, शाहजी मंदिर, गोवर्धन हिल और बांके बिहारी मंदिर हैं। जिस पर भारतीय संस्कारों की प्राचीन कलाकृति आपको देखने को मिलेगी। मथुरा भी वृंदावन से ही सटा हुआ है, जहां पर भी बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें कृष्ण जन्म भूमि मंदिर, प्रेम मंदिर, जामा मस्जिद, कुसुम सरोवर और द्वारकाधीश मंदिर हैं।

वृंदावन में सबसे प्रचलित कौन सा भोजन है?
वृंदावन में सबसे प्रचलित वहां का पेड़ा और मक्खन है।

निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आपको वृन्दावन में घूमने की जगह (Vrindavan Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की हुई है। आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूलें।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते है। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख कों अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।







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