माउंट आबू में घूमने की जगह, घूमने का खर्चा और जाने का सही समय

माउंट आबू राजस्थान में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जो जमीन से लगभग 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे राजस्थान का शिमला भी कहा जाता है।
यदि आप माउंट आबू की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए है। क्योंकि आज के लेख में हम आपको माउंट आबू की जानकारी

माउंट माउंट आबू में जाने की जगहें (Mount Abu Me Ghumne Ki Jagah), माउंट आबू जाने का सही समय, माउंट आबू घूमने का खर्चा देने वाले हैं, माउंट आबू कैसे जाएं, इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

माउंट आबू के बारे में रोचक तथ्य
गुर्जर माउंट आबू के सबसे शुरुआती निवासी माने जाते हैं।
राजपूतों की उत्पत्ति माउंट आबू से जुड़ी हुई है।
माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर चौगदवी सदी में बनाई गई बेहतरीन कलाकृति का नमूना है।
सर्दियों के दौरान माउंट आबू का तापमान 2 डिग्री से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है।

माउंट आबू में घूमने की जगह (Mount Abu Me Ghumne Ki Jagah)
स्थल गुरु शिखर
राजस्थान के माउंट आबू शहर में स्थित यह स्थल गुरुशिखर एक धार्मिक स्थल है, जो माउंट आबू शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। यह समुद्र तल से करीब 1722 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

इस गुरु शिखर पर चढ़ने के बाद पर्यटक को ऐसा महसूस होता है मानो वह माउंट एवरेस्ट पर हो। यह स्थान को विजिट करके आपको एक अलग सुकून का अनुभव होगा।


अर्बुदा देवी मंदिर
अर्बुदा देवी मंदिर माउंट आबू के एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जो यहां का एक धार्मिक और पवित्र मंदिर है। यह एक चट्टान के अंदर एक छोटे से गुफा में मौजूद है। इस मंदिर को अधर देवी के नाम से भी जाना जाता है।

यह राजस्थान की वैष्णो देवी के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 365 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। यदि आप माउंट आबू जाए तो इस सुंदर और पवित्र मंदिर का दर्शन करने जरूर आएं।

हनीमून प्वाइंट
माउंट आबू में 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हनीमून प्वाइंट कपल के लिए का आकर्षक पर्यटक स्थल है। यहां पर एक व्यक्ति और महिला के सम्मान में दो चट्टानों से मूर्तियां बनी हुई है। इसे लव रॉक भी कहा जाता है।

यहां पर आकर पर्यटक ढलती सूरज का बेहद सुंदर दृश्य देखने का आनंद उठा सकते हैं। साथ ही यहां पर आप शॉपिंग का भी मजा उठा सकते हैं।

यहां पर पास में दूध बावड़ी मौजूद है‌। माना जाता है इस बावड़ी के पानी मे जादुई शक्तियां हैं।

दिलवाडा मंदिर
हरी-भरी अरावली की पहाड़ियों पर स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर कुल 5 जैन श्वेतांबर मंदिर है, जिसकी सुंदरता ताजमहल से कम नहीं।

यह पूरे भारत में सबसे सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है। बेहतरीन आर्किटेक्चर और कलाकारी डिजाइनिंग के कारण यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

माउंट आबू खास करके इस दिलवाड़ा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, इसीलिए यहां पर आने वाले पर्यटक इस मंदिर की खूबसूरती को देखने जरूर आते हैं। यहां का प्राकृतिक और शांत वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेता है।


अचलगढ़ फोर्ट माउंट आबू
अचलगढ़ किला परमार वंश के शासकों द्वारा बनाया गया राजस्थान का सबसे ऊंचा किला है, जिसे चौथी शताब्दी में महाराणा कुमार द्वारा पुनः निर्माण करवाया गया।

इस किले की ऊंचाई पर से आप माउंट आबू का मनोरम दृश्य कैमरे में कैद कर सकते हैं। यह फोटोग्राफी के लिए सबसे बेहतरीन लोकेशन माना जाता है।

यहां से आप पूरे माउंट आबू की व्यू को देख सकते हैं। माउंट आबू से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित है।

ब्रम्हाकुमारी पार्क
माउंट आबू से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह ब्रह्मकुमारी पार्क पर्यटक को के बीच लोकप्रिय स्थान है, जहां पर शानदार गार्डन मौजूद है। यहां पर आप योगा और मेडिटेशन का भी अनुभव कर सकते हैं।

यह पार्क गुरु शिखर और अचलगढ़ के बीच स्थित है। यह पार्क सुंदरता और शांत प्राकृतिक नैसर्गिक वातावरण से घिरा हुआ है।

वाइल्डलाइफ सेंचुरी
288 वर्ग किलोमीटर में फैला यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी राजस्थान का एकमात्र पहाड़ियों पर स्थित अभ्यारण है, जिसकी स्थापना 1960 में की गई थी।

यहां पर लगभग ढाई सौ प्रकार की पंछियों की प्रजातियां मौजूद है, जिसमें देसी और माइग्रेट दोनों है।

यहां पर 820 प्रकार के पौधे मौजूद है, जिसमें व्हीकलपटेरा भी शामिल है, जो माउंट आबू के अतिरिक्त विश्व में कहीं भी नहीं पाया जाता।

यहां पर अन्य कई प्रकार के जंगली जानवर जैसे हीरा, चीता, शेर, जिराफ, बाघ, तेंदुए और जंगली मुर्गे हैं।

यदि आपको विभिन्न प्रकार के जानवरों और विभिन्न प्रजातियों के पौधे देखने का शौक है तो इस स्थान को विजिट करने जरूर आएं।

ओम शांति भवन
यदि आप योगा और आध्यात्मिक अलौकिक का शानदार अनुभव करना चाहते हैं तो राजस्थान के माउंट आबू के बीच में स्थित इस ओम शांति भवन का दर्शन करने जरूर आएं।

इस भवन को यूनिवर्सल स्पेशल हेडक्वार्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रम्हाकुमारी का मेन हेड क्वार्टर भी हैं।

गौमुख टेंपल या ऋषि वशिष्ट आश्रम
माउंट आबू में स्थिति यह गौमुख टेंपल पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान है। यहां पर संत ऋषि वशिष्ठ जी का आश्रम है।

इस स्थान पर माना जाता है वशिष्ठ जी ने यज्ञ किया था और उससे चार प्रमुख राजपूत बंधु चौहान, चाणक, प्रतिहार और परमार का जन्म हुआ था।
यह माउंट आबू बस स्टैंड से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां गाय मुख के समान एक झरना मौजूद है, जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है।

इसके अलावा यहां पर अग्निकुंड है, जिसमें ऋषि वशिष्ठ ने यज्ञ किया था। इस गौमुख टेंपल के दर्शन के लिए पर्यटकों को 700 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है।

नक्की झील
चारों और पहाड़ियों से गिरी मीठे पानी की नक्की झील है। राजस्थान की सबसे ऊंची झील है ऐसा कहा जाता है कि इस झील को देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर बनाया था, इसलिए इसका नाम नक्की झील रखा गया।

यह विशाल सुंदर झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। पर्यटक यहां के लिए नौकायन की सुविधा उपलब्ध है।

सर्दियों में इस झील में अक्सर बर्फ जम जाया करती है। झील के चारों ओर सुंदर हरियाली इसको और आकर्षक और लुभावने वाली बन जाती है।

सनसेट पॉइंट
माउंट आबू की नक्की झील के पास सूर्य बिंदु यानी पॉइंट है। सूर्यास्त के समय यह नजारा और देखने‌ लायक होता है।


ऊंची पहाड़ियों में छुपता सूरज इन पहाड़ियों पर गिरती हुई फिर ने बहुत ही सुंदर लगती है। माउंट आबू पर घूमने वाले पर्यटक बिंदु पर पहुंचकर सूर्यास्त का इंतजार करते हैं।


टॉड रॉक

माउंट आबू की नक्की झील के पास भी एक बहुत बड़ी चट्टान है, जिसका सार एक मेंढक के समान है। मेंढक के समान आकार होने के कारण इसे रॉक के नाम से जाना जाता है।


पानी के पास यह चट्टान ऐसी दिखाई देती है जैसे मेंढक पानी में आने वाला हो। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र है।


ट्रेवर्स टैंक

ट्रेवोर्स ट्रेंक माउंट आबू एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह माउंट आबू के लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


यहां पर कई सुंदर सुंदर पक्षी देखने को मिलते हैं। पर्यटकों की भीड़ इन पक्षियों का नजारा देखने के लिए लगी रहती है।


ट्रैकिंग एंड कैंपिंग

अगर आप एडवेंचर लवर है तो आपको माउंट आबू में ट्रैकिंग एंड कैंपिंग एक ऐसी जगह है, जहां पर आप रिप्लाई प्रोक्लाइमिंग, नाइट कैंपिंग वाइल्डलाइफ जैसी कैंपेनिंग कर एडवेंचर एक्टिविटी का आनंद ले सकते हैं


दिलवाड़ा जैन टेंपल

हरी-भरी पहाड़ियों पर स्थित दिलवारा टेंपल माउंट आबू से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी अरावली पहाड़ियों पर स्थित है, जो अपने शांत वातावरण में आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है।


दिलवारा टेंपल के समूह में पांच श्वेतांबर टेंपल मौजूद है और इन्हीं मंदिरों के समूह को दिलवारा टेंपल कहा जाता है।


लवर प्वाइंट्स

लवर प्वाइंट गुरु शिखर माउंट आबू के रास्ते में मिलेगा, जो माउंट आबू में देखने लायक जगह में से एक है। यह आजकल के युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय, चर्चित जगहों में से एक है।


अचलगढ़ फोर्ट

माउंट आबू के उत्तरी भाग में लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह किला राजस्थान के परमार वंश के शासकों के द्वारा बनवाया गया था।


अचलगढ़ फोर्ट माउंट आबू का ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान का सबसे ऊंचा किला है, जहां से आप पूरे माउंट आबू का मनोरम दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं



यह‌ किला साफ तौर पर फोटोग्राफी के लिए वन ऑफ द बेस्ट लोकेशन में से एक है। यहां से आपको एक शानदार ब्लू देखने को मिलेगा।


अचलेश्वर महादेव जी का मंदिर

अचल गढ़ किले के पास स्थित शिवजी के मंदिर को समर्पित मंदिर है। यहां पर शिव के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है।


इसके अलावा यहां पर पांच धातुओं से बनी काफी बजनी नदी का मंदिर है, जहां चाहे तो दर्शन के लिए जा सकते हैं।


यहां पर प्राकृतिक तालाब भी मौजूद है, जहां पर तीन भैंसों की प्रतिमा मौजूद है, जो पर्यटकों को देखने के लिए आकर्षण केंद्र है।


कुकरैल पार्क

माउंट आबू के करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक मगरमच्छ पार्क है। कुकरेल पार्क में कोडाइन, मोर, कबूतर, दलदल काले भालू के लिए काफी प्रसिद्ध है।


यहां पर बहुत हरियाली होने के कारण या एक पिकनिक स्पॉट के रूप में अच्छा सपोर्ट माना जाता है।


ऋषिकेश मंदिर एंड वॉटरफॉल

माउंट आबू के प्राचीन मंदिरों में से एक ऋषिकेश मंदिर है। इसके बारे में कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना राजा मनीष ने करवाई थी।


मंदिर का नाम इंद्र भगवान ऋषिकेश के नाम पर रखा गया। कहा जाता है कि राजा ने यहां पर अश्वमेध यज्ञ करने में सफलता प्राप्त की थी।


रघुनाथ टेंपल

माउंट आबू में रघुनाथ टेंपल को भगवान विष्णु के पुनर्जन्म के लिए माना जाता है। मंदिरों को वैष्णो के द्वारा पृथ्वी का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसकी स्थापना लगभग 600 वर्ष पहले हुई थी।


ऋषिकेश वॉटरफॉल

ऋषिकेश मंदिर के दर्शन के बाद पैदल दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक झरना मौजूद है, जो आपको माउंट आबू में घूमने की जगह देखने के लिए एक शानदार अनुभव प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगा। ऋषिकेश वॉटरफॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।


माउंट आबू घूमने के लिए कितने दिनों की आवश्यकता है?

माउंट आबू घूमने के लिए आपके पास कम से कम 3 से 4 दिन होना आवश्यक है।


यहां के मंदिरों के दर्शन तथा वाटरफॉल का इंजॉय करने के लिए आपको 4 दिन 3 रातें इस शहर में बितानी होंगी।


बेस्ट प्लेस फॉर शॉपिंग माउंट आबू

mt.abu बाजार माउंट आबू का फेमस मार्केट है। यहां पर आप अपने फ्रेंड्स एंड फैमिली के साथ शॉपिंग का मजा ले सकते हैं।


यहां पर आप कश्मीरी कॉटेज एंपोरियम प्लाजा एंड गवर्नमेंट हैंडीक्राफ्ट की बनी चीजों की शॉपिंग कर सकते हैं।


इस मार्केट की शान ब्यूटीफुल सौल हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, टैक्सटाइल आइटम, आयुर्वैदिक ऑयल पर्यटकों के शॉपिंग के लिए खास हैं।


माउंट आबू में 8 मुख्य जगह शॉपिंग के लिए

"Piccadilly plaza

Bansilal Bhurmal

Chacha museum

Kashmir cottage Emporium

Nakki Lake market

Khadi bhandar

Fair price Rajasthan Emporium

Rajasthali

माउंट आबू में 500/1000 बजट के होटल

Hotel Kiran

Hotel agroha

Hotel Dev presidency

Richie valley Resort

Dimple hotel

Hotel Nova

New lucky vihar Hotel"

 Hotel aaram

Hotel the Lalit Amarnath

Red cottage

Lakshmi villa

Casa wood

Payal regency

Vinayak home stay

Hotel Sigma

Happy day hotel

Hotel Shagun

माउंट आबू कैसे पहुंचे?

राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू भारत के विभिन्न बड़े शहरों से सड़क, हवाई और रेलवे मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। पर्यटक माउंट आबू की यात्रा के लिए किसी भी मार्ग का चयन कर सकता है।


माउंट आबू की यात्रा के लिए यदि आप सड़क मार्ग का चयन करना चाहते हैं तो बता दे माउंट आबू देश के कई बड़े शहरों से अच्छे से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।


आप सड़क मार्ग के जरिए खुद की निजी वाहन से आ सकते हैं। आप चाहे तो प्राइवेट बस की सेवा भी ले सकते हैं।


माउंट आबू की यात्रा के लिए ट्रेन मार्ग का भी चयन किया जा सकता है। माउंट आबू का रेलवे स्टेशन माउंट आबू मुख्य शहर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


यह रेलवे स्टेशन भारत के अन्य कई बड़े शहर जैसे कि दिल्ली, मुंबई, आगरा, अहमदाबाद से जुड़ा हुआ है। आपको उन शहरों से यहां के लिए आसानी से ट्रेन मिल जाएगी।


यदि आप माउंट आबू तुरंत पहुंचना चाहते हैं और हवाई मार्ग का चयन करने के बारे में सोच रहे हैं तो बता दे कि माउंट आबू में कोई भी हवाई अड्डा नहीं है।


यहां से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा पड़ता है, जो दबोक, उदयपुर में स्थित है। यह हवाई अड्डा माउंट आबू शहर से 176 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई मार्ग के जरिए आपको यहां के लिए टिकट बुक करवानी होगी।


माउंट आबू जाने का समय

माउंट आबू की यात्रा के लिए पर्यटक साल के किसी भी महीने में जा सकते हैं। हालांकि यहां पर मई से जून में समर फेस्टिवल और दिसंबर में विंटर फेस्टिवल मनाया जाता है।


ऐसे में यदि पर्यटक ऐसे समय में जाए तो वहां पर माउंट आबू की असली सुंदरता से वाकिफ हो सकते हैं। इस समय यहां पर राजस्थान के डांस कल्चर और फोक डांस से भी पर्यटक अवगत हो सकते हैं।


इसके अलावा यहां पर नाइट फूड का भी आयोजन होता है। तो माउंट आबू की यात्रा के लिए मई से जून और दिसंबर का महीना काफी अच्छा है यात्रा के लिए।


हालांकि मई से जून के दौरान यहां पर काफी गर्मी हो सकती है और दिसंबर में ठंड भी हो सकता है। ऐसे में जब दिसंबर में जाए तो अपने साथ स्वेटर या जैकेट जरूर रखें।


माउंट आबू में कहाँ रुके?

माउंट आबू की यात्रा के लिए आपको वहां पर ठहरने के लिए उसके नजदीकी शहरों में अच्छे होटल मिल जाएंगे। वहां आप हाई रेट से लेकर लो रेट के होटल में रूम बुक करवा सकते हैं।


आप चाहे तो ऑनलाइन भी उन होटल के बारे में सर्च करके जान सकते हैं और ऑनलाइन रूम भी बुक करवा सकते हैं।


माउंट आबू के आसपास कुछ निम्नलिखित प्रसिद्ध होटल है।


होटल हिलोक

होटल कनॉट हाऊस

होटल जयपुर हाउस

होटल कामा राजपूताना

होटल शिखर


माउंट आबू कैसे घूमे?

माउंट आबू की सभी पर्यटक स्थल घूमने के लिए आप वहां पर किराए के बाइक या कार ले सकते हैं। इसके लिए आप रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड में आपको कई ऐसे एजेंट या दुकान मिल जाएंगे, जो किराए पर बाइक या अन्य वाहन देते हैं।


वहां पर 500 प्रति दिन के हिसाब से बाइक किराए पर दिया जाता है, जिससे 2 लोग आराम से माउंट आबू की यात्रा कर सकते हैं।


हालांकि अलग-अलग वाहनों का किराया अलग-अलग होती है। इन वाहनों को किराए पर लेने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने पड़ सकते हैं, जो आपको वाहन लौटाने के बाद वापस दे दिए जाएंगे।


माउंट आबू में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन

माउंट आबू की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो निश्चित ही आपके दिमाग में वहां के प्रसिद्ध भोजन का ख्याल आ रहा होगा।


बता दें कि माउंट आबू के प्रत्येक टूरिस्ट प्लेस पर आपको कई सारे रेस्टोरेंट्स और स्टॉल मिल जाएंगे, जहां पर आपको राजस्थान के प्रसिद्ध भोजन के साथ-साथ फास्ट फूड, वेज स्ट्रीट फूड, नॉनवेज फूड जैसे कई सारी स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेने को मिल जाएगा।


तो आइए जानते हैं माउंट आबू में मिलने वाले कुछ बेहतरीन स्ट्रीट फूड के बारे में।

दाल बाटी

राजस्थान की असली पहचान दाल बाटी से ही होती है। यह व्यंजन वहां का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है और पर्यटकों के लिए भी काफी लोकप्रिय व्यंजन है।


यह व्यंजन आपको माउंट आबू सहित राजस्थान के अन्य कई पर्यटक स्थलों के रेस्टोरेंट और होटल के मैन्यू में देखने को मिल जाएगा।


दाल बाटी को आटे और दाल से बनाया जाता है। सबसे पहले आटे को शान कर उसके बोल को सीधे आग पर पकाया जाता है।


उसके बाद उसे हल्का तोड़ के ऊपर से मसालेदार मसालों के साथ फ्राई किए गए दाल को ऊपर से डाला जाता है और स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए ऊपर से घी डाला जाता है।


यदि आप राजस्थान से नहीं है तो आपको निश्चित यह व्यंजन को ट्राई करना चाहिए। यकिन मानिए इसका स्वाद आप कभी भूल नहीं पाएंगे।


मोहन मासी

यदि आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो आपको माउंट आबू यात्रा के दौरान राजस्थान का यह शाही व्यंजन जरूर रखना चाहिए।


यह व्यंजन दूध, मटन और हल्के मसालों के साथ पकाया जाता है, जिसमें स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू, खसखस और इलायची को भी ऐड किया जाता है।


इसके साथ ही इसे शाही स्पर्श देने के लिए सूखे मेवे का इस्तेमाल किया जाता हैं। इस व्यंजन को राजा महाराजा और उनके मेहमानों को परोसा जाता था। आज यह व्यंजन राजस्थान जाने वाली हर पर्यटकों के लिए लोकप्रिय बन चुका है।


लाल मासी

लाल मासी भी एक नॉनवेज व्यंजन है, इसे लाल मटन भी कहा जाता है। यह पकवान मटन, लाल मिर्च, लहसुन जैसे अन्य कई प्रकार के मसालों और दही के इस्तेमाल से बनाया जाता है और फिर इसे गेहूं या बाजरे की चपाती के साथ परोसा जाता है।


यह व्यंजन खास करके गर्मियों में बनाई जाती है। यदि माउंट आबू गर्मियों के मौसम में जाते हैं तो आपको इस व्यंजन को चखने का मौका मिल सकता है।


गट्टे की खिचड़ी

माउंट आबू के लोकप्रिय व्यंजन में गट्टे की खिचड़ी भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह एक चावल का व्यंजन होता है, जिसे बेसन के पकोड़े के साथ पकाया जाता है और उसमें कई प्रकार की सुगंधित मसाले को भी शामिल किया जाता है।


इसके सजावट में धनिया पत्ता का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसके लुक को बेहतर बनाने के अतिरिक्त इसके स्वाद को भी बढ़ाने में मदद करता है।


बजरे की रोटी

बाजरे की रोटी राजस्थान के ग्रामीण घरों में अक्सर पकाया जाता है। यह राजस्थान के अतिरिक्त गुजरात में भी काफी प्रसिद्ध है।


इसे सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली फसल बाजरे के आटे से बनाया जाता है और लहसुन की चटनी और गुड़ के साथ परोसा जाता है।


यह प्रोटीन से भरपूर होता है। यदि आपने कभी बाजरे की रोटी नहीं खाया हैं तो माउंट आबू की यात्रा के दौरान इसके स्वाद का आनंद ले सकते हैं।


मूंग दाल का हलवा

मूंग दाल का हलवा माउंट आबू के स्वादिष्ट और पौष्टिक मीठे व्यंजन में से एक है। इसे राजस्थान के हर छोटे बड़े त्यौहार में मीठे व्यंजन की तरह बनाया जाता है।


इस मूंग दाल के हलवे को शुद्ध घी के साथ भूनकर बनाया जाता है। यह खास करके सर्दियों के मौसम के दौरान बनाया जाता है।


यदि आपने कभी मूंग दाल के हलवे का स्वाद नहीं लिया है तो माउंट आबू की यात्रा के दौरान इसे एक बार जरूर चखें।


केर संगरी

केर सांगरी एक तरह का अचार होता है, जो राजस्थान में काफी प्रसिद्ध है। इसे राजस्थान के जंगली इलाके में पाई जाने वाली खास प्रकार की सब्जियों से बनाया जाता है।


जिसे मिर्च अजवाइन और हींग के साथ पकाया जाता है और फिर इसे कई दिनों तक संग्रहित कर के रखा जाता है। इस केर सागरी को बाजरे की रोटी के साथ परोसा जाता है।


माउंट आबू का नाम कैसे पड़ा?

माउंट आबू का नाम अगुआदा एक बेहद ही शक्तिशाली सांप हुआ करता था, जोकि आबू नामक हिमालय का पुत्र था।


एक बार भगवान शिव का बैल नदी खाई में गिर गया तब अगुआदा ने नदी में छलांग लगाकर जान बचाई थी। तभी से इस जगह का नाम माउंट आबू पड़ा था।

माउंट आबू को राजस्थान का कश्मीर क्यों कहा गया है?

भागती दौड़ती जिंदगी में सुकून के कुछ पलों की तलाश सुख शांति की अनुभव करने के लिए माउंट आबू एक खूबसूरत जगह है।


राजस्थान का कश्मीर कहा जाने वाला माउंट आबू पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जहां पर आप प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा कर अल्पकाल की खुशियों का अनुभव कर सकते हैं।


मंदिरों के दर्शन कर आप अपनी आत्मा को सुकून के पल दे सकते हैं।


आरोही के पास अरावली की पहाड़ियों में बसे माउंट आबू की पहचान राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन के तौर पर मशहूर है। यहां पर साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है।


माउंट आबू को हिल स्टेशन ही नहीं बल्कि माउंट आबू को‌ धार्मिक स्थानों की भी पहचान है। पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।


माउंट आबू घूमने का खर्चा?

माउंट आबू घूमने का खर्चा आप वहां जितने दिन ठहरेगें उस हिसाब से आ सकता है, इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा, होटल का खर्चा और खाने का खर्चा होगा।


यदि आप माउंट आबू घूमने के लिए 2 दिन की योजना बना रहे हैं तो बता दे कि पहले दिन आप मात्र 500 से 600 रुपए के भीतर अप्पोलो ग्राउंड, नक्की लेक, रघुनाथ टेम्पल, तोड़ रॉसब्रह्मा कुमारी आश्रम जैसे पर्यटक स्थल घूमने जा सकते हैं, जो माउंट आबू के 3 किलोमीटर के दायरे में ही है।


दूसरे दिन आप अचलगढ़ किला, ट्रेवल्स टैंक, दिलवारा जैन टेंपल, पीस पार्क, शूटिंग पॉइंट और गुरु शिखर जैसे जगह घूमने का प्लान बना सकते हैं। इन सभी पर्यटक स्थल को आप मात्र 1000 से 1500 रुपए के खर्चे में घूम सकते हैं।


इस तरीके से माउंट आबू के सभी पर्यटक स्थल को 2 दिन के अंदर आप 2000 से 2500 रूपए के खर्चे में विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा 2 दिन के होटल का खर्चा लगभग 2500 आ सकता है। इस तरीके से सभी खर्चे को जोड़कर 2 दिन के माउंट आबू की यात्रा का खर्चा लगभग 4500 से ₹5000 प्रति व्यक्ति हो सकता है।


FAQ

माउंट आबू उदयपुर से कितना दूर है?

उदयपुर से माउंट आबू 163 किलोमीटर दूर है।


माउंट आबू की कुल ऊंचाई कितनी है?

माउंट आबू की कुल ऊंचाई 1220 मीटर है।


माउंट आबू कौन से राज्य में है?

माउंट आबू राजस्थान में है।


माउंट आबू अहमदाबाद से कितना दूर है?

माउंट आबू शहर अहमदाबाद से लगभग 256 किलोमीटर दूर है।


उदयपुर से माउंट आबू कितना किलोमीटर है?

उदयपुर से माउंट आबू 163.5 किलोमीटर है।


सिरोही से माउंट आबू की दूरी कितनी है?

सिरोही से माउंट आबू की दूरी 83.2 किलोमीटर है।


माउंट आबू की ऊंचाई कितनी है?

माउंट आबू की ऊंचाई 1,220m है।


निष्कर्ष

इस लेख में माउंट आबू की जानकारी के बारे में बताया जैसे माउंट आबू में घूमने की जगह (places to visit in mount abu), खर्चा और जाने का समय (best time to visit mount abu) आदि।


हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रसन्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में जरूर पूंछे।

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