यह नगरी हिंदुओं के साथ पवित्र नगरों में से एक है। इस शहर को घाटों और मंदिर का भी शहर कहा जाता है। यहां पर भगवान श्री राम के जीवन से संबंधित कई मंदिरे हैं, जो भारत की गौरवशाली संस्कृति को बयां करती है।
यह एक धार्मिक स्थल होने के साथ ही यहां पर कई पर्यटक स्थल है, जिसके कारण यहां पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक इस नगरी को घूमने के लिए आते हैं। यदि आप भी अयोध्या की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो बिल्कुल सही लेख पर आए हैं
आज के लेख में हम आपको अयोध्या यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी देने वाले हैं, जिसमें हम आपको अयोध्या से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, अयोध्या में पर्यटक स्थल (ayodhya tourist places in hindi), अयोध्या में कहां रुके, अयोध्या कैसे घूमे और घूमने का खर्च आदि सभी जानकारी देने वाले हैं। तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
अयोध्या के बारे में रोचक तथ्य
अयोध्या को प्राचीन काल में कौशल देश कहा जाता था। यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसी स्थान पर भगवान राम की जीवनी रामायण ग्रंथ की रचना महर्षि वाल्मीकि के द्वारा की गई।
अयोध्या को पहले फैजाबाद के नाम से जाना जाता था। लेकिन साल 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनने के बाद, उन्होंने फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया।
अयोध्या में राम घाट, लक्ष्मण घाट, जानकी घाट, गुप्तार घाट सहित अन्य कई घाट है। माना जाता है इन घाट में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में हुए पाप धुल जाते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु अयोध्या आने के बाद इन घाटों में स्नान जरूर करते हैं।
अयोध्या मंदिरों का शहर है क्योंकि यहां पर 5000 से भी अधिक मंदिर है। यहां पर भगवान राम का महल है। माना जाता है अयोध्या नगरी को मनु ने बनाया था। मनु अयोध्या नगरी की स्थापना हेतु एक उचित स्थान का चयन कर रहे थे और इसके लिए वे भगवान ब्रह्मा के पास जाते हैं। तब भगवान ब्रह्मा उन्हें विष्णु जी के पास लेकर जाते हैं और विष्णु जी उन्हें साकेतधाम में एक उपयुक्त स्थान बताते हैं।
भगवान विष्णु अयोध्या नगरी को बसाने के लिए ब्रह्मा और मनु के साथ विश्वकर्मा को भेज देते हैं। साथ ही महर्षि वशिष्ठ को भी भेजते हैं। महर्षि वशिष्ठ द्वारा सरयू नदी के तट पर लीला भूमि का चयन किया जाता है, जहां पर देवों के शिल्पकार कहे जाने वाले विश्वकर्मा ने अयोध्या का नगर का निर्माण करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अयोध्या भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है।
अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी के बारे में कहा जाता है कि यहां पर आज भी भगवान हनुमान भगवान श्री राम के जन्म भूमि की रक्षा करते हैं।
अयोध्या में लोकप्रिय पर्यटक स्थल (Ayodhya Tourist Places in Hindi)
राजा दशरथ समाधि स्थल
भगवान श्री राम के पूज्य पिताजी चक्रवर्ती राजा दशरथ का समाधि स्थल अयोध्या से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब भगवान श्री राम, लक्ष्मण और मां सीता वनवास में थे तब भरत और शत्रुघ्न ने राजा दशरथ की मृत्यु पश्चात उनका अंतिम संस्कार यहीं पर किया था। इस स्थान पर एक मंदिर भी है, जिसमें राजा दशरथ ,भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ की मूर्ति स्थापित है।
कनक भवन
कनक भवन अयोध्या में हनुमानगढ़ी से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहां पर पर्यटक पैदल भी आ सकते हैं। इस मंदिर में भगवान श्री राम और माता सीता के सोने के मुकुट वाली प्रतिमा है यही कारण है। इस मंदिर को सोने का मंदिर कहा जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर को भगवान श्री राम की माता कैकई ने मां सीता को मुंह दिखाई के तौर पर दिया था।
भगवान श्री राम के समय मंदिर भगवान श्री राम और माता सीता की निजी भवन हुआ करती थी। इस महल की वास्तुकला सच में दर्शनीय है। हालांकि समय के साथ यह मंदिर खंडहर में बदल चुका था लेकिन बाद में राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाया। अयोध्या के प्रसिद्ध और सुंदर मंदिरों में से यह मंदिर एक है, इसलिए अयोध्या यात्रा के दौरान इस मंदिर को निश्चित ही देखने आएं।
मोती महल
‘पर्ल पैलेस’ के नाम से लोकप्रिय मोती महल फैजाबाद में अयोध्या शहर से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह महल मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। इस महल को 1743 में निर्मित किया गया था यह महल शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का घर था।
सूरजकुंड
सूरजकुंड प्राकृतिक जल कुंड है, जो राजा दशरथ समाधि स्थल से कुछ ही दूर स्थित है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम और उनके जितने भी वंशज हूए थे, वह इसी कुंड में आकर स्नान ध्यान करते थे और भगवान सूर्य उपासना करते थे। ऐसा भी माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से हर प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
मर्णी पर्वत
अयोध्या के दर्शनीय स्थलों में से एक यह मर्णी पर्वत भी है। इस पर्वत को लेकर यहां मान्यता है कि जब रावण के साथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब उन्हें बचाने के लिए संजीवनी बूटी की तलाश में भगवान हनुमान जी पर्वत को उठा ले आए थे।
तब उस पर्वत का छोटा सा टुकड़ा अयोध्या के इस स्थान पर आकर गिर गया था। यही कारण है कि यंहा आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस पर्वत तो विजिट करना बिल्कुल ही भूलते हैं।
बहु बेगम का मकबरा
1816 में निर्मित बहू बेगम का मकबरा फैजाबाद शहर में मकबरा रोड पर स्थित है। यह अद्वितीय मकबरा नवाब शुजा उद दौला की पत्नी और रानी रानी दुल्हन बेगम उन्मतुज़ोहरा बानो को समर्पित है। इस मकबरे को पुर्व का ताजमहल भी कहा जाता है। यह फैजाबाद में सबसे ऊंचा स्मारक है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला के कारण लोकप्रिय है।
मकबरे में स्थित तीन गूबंद है, जिसे जटिल नकाशी से सुशोभित किया गया है। माना जाता है उस दौरान इस मंजिल को बनाने में ₹3 लाख की लागत लगी थी। अयोध्या जाए तो इस अद्भुत कलाकृति से बनाए गए इस मकबरे को जरूर विजिट करें।
सीता की रसोई मंदिर
सीता की रसोई मंदिर अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान के उत्तर पश्चिम छोड़ पर स्थित है। यह मंदिर प्राचीन रसोई घर के मॉडल को प्रदर्शित करती है, जिसमें नकली बर्तन रखे गए हैं। मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और उन सब की रानियों की मूर्तियां मौजूद है। यह मंदिर अयोध्या में देखने लायक जगह है।
त्रेता के ठाकुर
अयोध्या के नया घाट पर स्थिति त्रेता के ठाकुर मंदिर का निर्माण 300 साल पहले राजा कुल्लू द्वारा किया गया माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर उसी जगह पर स्थापित है, जहां पर भगवान श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था।
इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत हनुमान और सुग्रीव सहित कई मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को काले बलुआ पत्थर को तराश करके बनाया गया है। 17 सौ के दशक में मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर ने इस मंदिर को एक नया रूप दिया था।
तुलसी स्मारक भवन
तुलसी स्मारक भवन संत कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में स्थापित किया गया है, जो अयोध्या में राज गांव क्रॉसिंग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी छोर पर स्थित है। माना जाता है स्वामी तुलसीदास जी ने इसी स्थान पर रामचरित्र मानस की रचना की थी। प्रतिदिन यहां पर राम कथा का पाठ होता है।
यहां पर विशाल पुस्तकालय भी है, जो समृद्धि साहित्य का भंडार है। यहां पर अयोध्या अनुसंधान संस्थान नामक एक शोध केंद्र भी है, जिसका उपयोग अयोध्या के बारे में साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जानकारी के अध्ययन और महत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है।
छोटी छावनी
अयोध्या में सफेद संगमरमर और शानदार नक्काशी का प्रयोग करके बनाए गए इस छोटी छावनी को वाल्मीकि भवन या मणिरामदास छावनी के रूप में भी जाना जाता है। छोटी छावनी में 34 गुफाएं हैं यहां के सुंदर वास्तुकला निश्चित ही देखने लायक है।
अयोध्या में लोकप्रिय स्थानीय भोजन
अयोध्या धार्मिक स्थल होने के साथ ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जिसके कारण यहां पर देश-विदेश से आने वाले लोगों की काफी भिड़ रहती है। यही कारण है कि अयोध्या में उत्तर भारत सहित भारत के विभिन्न राज्यों के लोकप्रिय भोजन यहां पर पेश किए जाते हैं। चार्ट, पानी पुरी, भेल से लेकर दक्षिण भारत के विभिन्न स्ट्रीट फूड शामिल है।
अयोध्या कैसे पहुंचे?
अयोध्या जाने के लिए रेलवे मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग तीनों में से किसी भी मार्ग का चयन किया जा सकता है। क्योंकि अयोध्या इन तीनों मार्गो से भारत के विभिन्न राज्यों से जुड़ा हुआ है।
अयोध्या के लिए रेलवे मार्ग भी काफी आसान जरिया है। अयोध्या का रेलवे स्टेशन भारत के विभिन्न शहरो से अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है। आपके अपने शहर से अयोध्या के लिए काफी आसानी से ट्रेन मिल जाएगी। अयोध्या जाने के लिए रेलवे मार्ग काफी सस्ता जरिया है।
यदि आप अयोध्या एरोप्लेन से जाना चाहते हैं तो बता बता दें कि हवाई मार्ग से अयोध्या जाने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं पहला तो आप अयोध्या से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फैजाबाद हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक करवा सकते हैं। यह अयोध्या का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है।
हालांकि यदि आपको अपने शहर से इस हवाई अड्डे के लिए टिकट नहीं मिलता तो आप लखनऊ हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या 130 किलोमीटर की दूरी पर है। लखनऊ हवाई अड्डा भारत की विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। इसीलिए यहां के लिए टिकट आपको काफी आसानी से मिल जाएगी।
अयोध्या उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र और एक धार्मिक स्थान होने के कारण यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना होता है, जिसके कारण अयोध्या भारत के विभिन्न राज्यों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ी हुई है। अयोध्या के लिए प्रतिदिन सरकारी या निजी बस चलती है। आप उनकी मदद से अयोध्या आ सकते हैं।
अयोध्या चाहे सड़क मार्ग से रेलवे मार्ग से या हवाई मार्ग से जाएं रेलवे स्टेशन बस स्टेशन या एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आपको वहां से अयोध्या के लिए काफी सारी टैक्सी या ऑटो मिल जाएगी।
अयोध्या कैसे घूमे?
अयोध्या घूमने के लिए आप टैक्सी, रिक्शा या बस की सवारी ले सकते हैं। इन तीनों की सवारी से आप काफी आराम से घूम सकते हैं। यदि आप निजी रूप से वाहन की सवारी करना चाहते हैं तो आप किसी भी वाहन को किराए पर ले सकते हैं।
अयोध्या में कई ऐसे एजेंट मिल जाएंगे, जो आप किराए पर वाहन दे सकते हैं। हालांकि उसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट भी जमा करने पड़ सकते हैं, इसलिए अपने साथ पहचान से संबंधित आवश्यक डॉक्यूमेंट जरूर रखें।
अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय
अयोध्या एक धार्मिक स्थल होने के कारण यहां पर साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। लेकिन जो पर्यटक अयोध्या को अच्छे से घूमना चाहते हैं, उनके लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का है।
इस दौरान यहां पर काफी ज्यादा पर्यटक आते हैं। क्योंकि इस दौरान यहां पर मौसम ठंड वाली रहती है, जिससे पर्यटक स्थलों को घूमने में काफी आनंद भी आता है।
जून से जुलाई तक के मौसम के दौरान यहां पर काफी ज्यादा गर्मी होती है। फिर भी यदि आप गर्मियों के मौसम में अयोध्या जाना चाहते हैं तो अपने साथ धूप से बचने के लिए सन क्रीम और अन्य सुविधाएं जरूर रखें। ठंडी के मौसम के दौरान यहां पर ठंड ज्यादा लग सकती है इसीलिए ठंड के मौसम के दौरान गर्म कपड़े जरूरी रखें।
अयोध्या यात्रा में कहाँ रुके?
अयोध्या में जाने वाले पर्यटकों को वहां पर हाय बजट से लेकर लो बजट में काफी अच्छी सुविधाओं के साथ रहने के लिए जगह मिल जाते हैं। यदि आप अयोध्या में होटल में ठहरना चाहते हैं तो वंहा पर एक से बढ़कर एक होटल मिल जाएंगे, जिनका प्रतिदिन का न्यूनतम चार्ज 500 से ₹800 हो सकता है।
वही यदि आप कम बजट में अच्छी सुविधा के साथ रहने के लिए जगह चाहते हैं तो अयोध्या में कई सारे धर्मशाला भी हैं, जहां पर आपको एसी और नॉन एसी के कमरे मिल जाएंगे। अयोध्या में विरला धर्मशाला, श्री जानकी महल ट्रस्ट धर्मशाला करके कुछ धर्मशाला है। इन धर्मशाला में ठहरने का खर्चा होटल की तुलना में काफी कम लगेगा।
अयोध्या घूमने का खर्च
अयोध्या घूमने का खर्च आपके वहां ठहरने के दिनों पर निर्भर करता है। हालांकि अयोध्या की यात्रा आप 2 दिन के अंदर भी आराम से कर सकते हैं। यदि आप अयोध्या यात्रा के लिए 2 दिन की योजना बनाते हैं तो आपको वहां पर होटल में ठहरने का न्यूनतम खर्चा लगभग ₹2000 लग सकता है।
वहीँ अयोध्या के विभिन्न के पर्यटक स्थलों को घूमने के लिए और वहां के खानपान में कुल खर्चा 2 दिन का 1000 से 1500 रुपए तक लग सकता है। इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा है जो आप पर निर्भर करता है कि आप कौन से मार्ग से अयोध्या जाना चाहते हैं। यदि आप अयोध्या रेल मार्ग से जाते हैं तो आपको कम खर्चा लगेगा। लेकिन यदि आप हवाई मार्ग से जाते हैं तो आपको ज्यादा खर्चा लग सकता है।
FAQ
अयोध्या में कौन सी जगह देखने लायक है?
अयोध्या में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है, जिसमें राम कथा पार्क, सीता की रसोई, त्रेता के ठाकुर, गुलाब बड़ी, हनुमानगढ़ी, सोने का घर, तुलसी स्मारक भवन संग्रहालय इत्यादि शामिल है।
अयोध्या का नाम कैसे पड़ा?
अयोध्या 2018 से पहले तक फैजाबाद जिले के रूप में जाना जाता था, जिसके बाद आदित्य योगी जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर आए तो उन्होंने फैजाबाद जिले को अयोध्या के नाम में स्थानांतरित करवाया।
अयोध्या को किसने स्थापित किया था?
अयोध्या जिले के स्थापना का श्रेय अवध के पहले नवाब शहादत अली खान को जाता है, जिन्होंने 1730 में अयोध्या शहर को फैजाबाद शहर के नाम से स्थापित किया था।
अयोध्या में कितने तहसील हैं?
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित अयोध्या जिले में कुल 5 तहसील है।
भगवान राम के वंशज कौन है?
शाक्य वंश के लोग भगवान श्री राम के वंशज कहे जाते हैं। यह कहा जाती कि वर्तमान के मोर्या, शाक्य, कुशवाहा, सिसोदिया वंश आदि जितने भी राजपूत वंश है, वे सभी भगवान श्री राम के वंशज माने जाते हैं।
अयोध्या किस चीज के लिए प्रसिद्ध है?
अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान होने के कारण यह विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह धार्मिक स्थल होने के कारण लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पर आते हैं।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल अयोध्या में घूमने की जगह (Ayodhya Me Ghumne ki Jagah), अयोध्या के यात्रा से जुड़ी आवश्यक बातें बताई। साथ ही अयोध्या से जुड़े कई तथ्य भी बताए।
हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपकी अयोध्या की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।