अमरनाथ यात्रा की शुरुआत भगवान शिव के आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए ‘प्रथम पूजन’ से होती है। अगर आप सच में स्वर्ग के दर्शन प्राप्त करना चाहते है, तो आपको अपने जीवन में एक बार जरूर अमरनाथ दर्शन के लिए तो अवश्य जाना चाहिए।
इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको अमरनाथ की खूबसूरती के बारे में बताएंगे। आज मैं आपको बताने वाला हूँ की अमरनाथ में ऐसा क्या है, जो आपको आकर्षित कर सकता है। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको अमरनाथ से संबधित सभी जानकारी प्राप्त हो सके
अमरनाथ के बारे में रोचक तथ्य
अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते है। एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से होकर जाता हैं।
यहां की यात्रा हिन्दू माह के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा से प्रारंभ होती है और श्रावण पूर्णिमा तक चलती हैं।
अमरनाथ गुफा के शिवलिंग को “अमरेश्वर” कहते हैं।
अमरनाथ गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर हैं।
अमरनाथ शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती हैं।
अमरनाथ टूरिस्ट प्लेस | AmarnathTourist Places in Hindi
अमरनाथ में वैसे तो बहुत सी घूमने की जगह है, जो आपको आकर्षित कर सकती है। लेकिन आज हम आपको कुछ पर्यटन स्थल के बारे में बतायेगे, जो आपको काफी आकर्षित कर सकते है, साथ ही यहाँ दूर – दूर से लोग इस जगह पर घूमने के लिए आते है। तो चलिए दोस्तों बिना देरी किये हम आपको बताते है की अमरनाथ में घूमने की जगह कौन कौन सी है, जो काफी फेमस हैं।
गुलमर्ग
अगर आपको घूमने फिरने का शौक है और आप अमरनाथ ट्रिप के दौरान कुछ अलग हटकर करना चाहते है, तो आपको एक बार जम्मू – कश्मीर के बारामूला जिले में लगभग 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग को जरूर देखना चाहिए। गुलमर्ग की खोज वर्ष 1927 में अंग्रेजों ने की थी।
गुलमर्ग का अर्थ होता है फूलों की वादी। जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित गुलमर्ग किसी भी मामले में श्रीनगर से कम नही है। यहां पर हर साल दूर दूर से भारी संख्याओं में सैलानी बर्फ का मजा लेने आते हैं।
सोनमर्ग
दोस्तों जम्मू कश्मीर में स्थित सोनमर्ग दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है, जहां पर बर्फबारी का दोगुना मज़ा देखने को मिलता है। यहां मैदानों पर स्नोबोर्डिंग का अलग ही मजा है। साथ ही सोनमर्ग में बर्फ के अलावा कई सारी चीज़े देखने को मिल जाती हैं।
सिंद नाले नाम की नदी की घाटी में स्थित सोनमर्ग समुद्र तल से 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और झीलों से घिरा हुआ है। इसके अलावा अगर आप यहाँ घूमने आते हो तो आपको थाजीवास ग्लेशियर, खीर भवानी मंदिर, गडसर झील, उसमार्ग, बालताल, बालताल वैली और गंगाबल झील जैसी कई आकर्षक चीजें देखने को मिल जाती हैं।
लद्दाख
लद्दाख में आप पैंगोंग झील देख सकते है। ब्लू पैंगोंग झील हिमालय में लेह-लद्दाख के पास स्थित एक प्रसिद्ध झील है, जो 12 किमी लंबी है।
इस झील की खासियत है कि यह भारत से तिब्बत तक फैली हुई है। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई होती है। अगर आप कभी अमरनाथ घूमने का प्लान बना रहे है, तों एक बार लद्दाख की पैंगोंग झील देखने के लिए जरूर जाए।
जम्मू और कश्मीर
जम्मू और कश्मीर हिमालय पर्वत शृंखला के सबसे ऊँचे हिस्सों में स्थित है और इसे अपनी प्राकृतिक सौंदर्य एवं संसाधनों के लिए जाना जाता है। हिमालय की गोद में बसा जम्मू और कश्मीर अपनी नेचुरल ब्यूटी केलिए दुनिया भर में अपना एक ख़ास मुकाम रखता है।
जम्मू-कश्मीर उत्तर भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां पर्यटन की संभावनाएं बहुत ही प्रबल है, जिसकी खूबसूरती देखने दूर दूर से पर्यटक यहाँ आते हैं।
पहलगाम
आश्चर्यजनक खूबसूरत दृश्यों वाला अनोखा पहलगाम, शेषनाग झील और लिद्दर नदी से बहने वाली दो धाराओं के संगम पर स्थित है। पहलगाम समुद्र तल से लगभग 2,130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बर्फ से ढके पहाड़, गहरी घाटियां और इनके किनारों से बहती लिद्दर हिम नदी के बीच बसा कश्मीर का यह हिल स्टेशन प्रकृति की सुंदरता को और निखार देता है।
पहलगाम को चरवाहों की घाटी के नाम से भी जाना हैं। पहाड़ के ढलान से उतरते हुए पत्थरों से टकराने के कारण पानी के लहरों से बेहद ही खूबसूरत दिखते है। साथ ही इन नदियों का पानी बहुत की साफ और दूध की तरह सफेद दिखई देता हैं।
महागुन माउंटेन
दोस्तों अमरनाथ जाने वाले ज्यादातर पर्यटक इस माउंटेन को देखने के लिए जरूर आते हैं। जब भगवान शिव और पार्वती माता गुफा की तरफ जा रहे थे, तो उन्होंने गणेश जी का भी त्याग कर दिया था।
तभी से इस स्थान का नाम महागुन पर्वत पड़ गया था, जिसे देखने भारी संख्या में लोग दूर दूर सें यहाँ आते हैं। यह दिखने में इतना खूबसूरत है की हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर देता हैं।
पंचतरणी
जब आप अमरनाथ घूमने के लिए आते है, तो महागुन माउंट से कुछ ही दूरी पर स्थित इस जगह पर आप पांच नदियों का संगम देख सकते है, जिसे पंचतरणी के नाम से जाना जाता है।
पंचतरणी शेषनाग से आठ मील की दूरी पर स्थित है। पंचतरणी व शेषनाग के बीच में वेबवेल टॉप व महागुनास दर्रा है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की यहाँ आमतौर पर ऑक्सीजन की कमी होती है।
शेषनाग
शेषनाग भगवान विष्णु के सेवक है। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि शेषनाग के हजार मस्तक है और इनका कही अंत नही है। इसीलिए इन्हें अनंत भी कहा गया है। शेषनाग के नाम से पहचाना जाने वाला यह पर्वत बिल्कुल नाग की तरह लगता है।
साथ ही इसके अलावा यहां पर एक खूबसूरत पानी की झील भी है, जिसका पानी शीशे की तरह चमकता है। जों यहाँ आने वाले पर्यटको को आकर्षित करती हैं। अगर आप भी यहाँ घूमने आओ तों एक बार इस झील के दर्शन जरूर करना
अमरनाथ का प्रसिद्ध भोजन
दोस्तों हम आपको बता दे की अमरनाथ जितना सुंदर है, उतना ही स्वादिष्ट यहां का खाना भी है। अगर आप यहाँ घूमने आते हो तो आपको यें बात पता होनी चाहिए की अमरनाथ एक पवित्र स्थान है। इसलिए आगर आप यहाँ आते हो तों आपको यहाँ शुद्ध और शाकाहारी ही भोजन खाने को मिलेगा।
साथ ही अगर आप मीठे के शौकीन है तो आपको यहाँ पर खीर, हलवा खाने को मिल जाएंगे, जो यहाँ की फेमस स्वीट में सें एक होती है। दोस्तों अगर आप कभी अमरनाथ घूमने आओ तो एक बार यहाँ आकर इन व्यंजनों का स्वाद जरूर लेना। यहाँ पर आपको चावल, पुरी, दाल, रोटी इत्यादि खाने को मिलता है।
अमरनाथ में रुकने की जगह
अगर अमरनाथ शहर में रुकने की बात की जाए, तो यहाँ पर सस्ते दामों पर होटल, गेस्ट हाउस और रेंट में कमरे आसानी से मिल जाते है। जहाँ पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।
हमने कुछ होटल के नाम आपके लिए ढूंढ कर निकले है, जो अमरनाथ में काफी फेमस हैं। जैसे की होटल विलेज वाक, होटल स्नो लैंड सोनामार्ग, होटल स्नो माउंट, मैजिक हिमालयन कैटेज, ब्राउन प्लेस इत्यादि शामिल हैं।
अमरनाथ जाने के लिए सबसे अच्छा समय
अगर आप अमरनाथ घूमने का प्लान बना रहे है तों हम आपको बताते है की अमरनाथ में घूमने का सबसे अच्छा समय अच्छा समय जुलाई-अगस्त है क्योंकि मौसम और यहाँ का अद्धभुत नज़ारा आपको आकर्षित कर सकते हैं।
अमरनाथ कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप अमरनाथ घूमने का प्लान बना रहे हो और सोच रहे हो की आखिर अमरनाथ कैसे पहुंचे? तो आज इस लेख में हम आपको बताएंगे की अमरनाथ कैसे पहुंचे?
रेल द्वारा
अगर आप रेल द्वारा अमरनाथ घूमने का प्लान बना रहे है, तो आप पहलगाम का निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। वहां से आप हेलीकॉप्टर, पैदल या टट्टू की सवारी से अमरनाथ पहुंच सकते हैं।
सडक द्वारा
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की अमरनाथ आने के लिए आप अपनी गाडी या फिर कोई गाडी बुक करके आसानी से सडक द्वारा यात्रा करके अमरनाथ आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा
अगर आप अमरनाथ का सफर हवाई जहाज से करना चाहते है, तो हम आपको बता दे की अमरनाथ का निकटतम हवाई अड्डा श्रीनगर हवाई अड्डा है। वैसे भी यात्रा पहलगाम से शुरू होती है, जो हवाई अड्डे से 2 घंटे की बस की सवारी हैं।
अमरनाथ कैसे घूमे?
अमरनाथ घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान प्रदान करता है। अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित है। आपको हम बता दे की भगवान शिव के भक्त हर साल अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं और बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार करते है।
इसीलिए यहाँ घूमने और यात्रा करने के लिए भारी संख्या में लोग दूर – दूर से आते है। अगर आप भी यहाँ की यात्रा करने के बारे में सोच रहे है, तो आप जिस होटल या गेस्ट हाउस में ठहरे है। आप वहाँ से किराये पर कार को बुक करके घूमने जा सकते है और अमरनाथ की सुंदरता के दर्शन कर सकते है।
इसके अलावा अगर आप भारत देश के बाहर से यहाँ घूमने के लिए आते है, तो आप चाहो तो टूरिस्ट गाइड को भी बुक कर सकते है, जो आपको अमरनाथ की सुंदरता के दर्शन करवाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
अमरनाथ में घूमने का खर्चा
अमरनाथ घूमने के खर्च की बात की जाएं तो यह आप के ऊपर निर्धारित करता है की आप किस से जाना पसंद करेंगे और वहाँ जाकर आप कहाँ – कहाँ घूमना पसंद करेंगे। आप किस होटल, गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करेंगे। साथ ही आप अमरनाथ में कितने दिन रुकोगे, यह सब आपके बजट पर निर्भर करता हैं।
अमरनाथ घूमते समय साथ में क्या रखें?
अगर आप अमरनाथ घूमने के लिए प्लान बना रहे है, तो आपको अपने साथ जिस से सफर कर रहे है। उसकी टिकट, अपनी आईडी प्रूफ, मोबाइल फोन, मौसम के अनुसार कपडे इत्यादि लेकर जाना चाहिए।
FAQ
अमरनाथ गुफा की खोज किसने की थी?
ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा की खोज बुट्टा मलिक नामक एक गडरिये ने की थी
अमरनाथ गुफा कितनी ऊंचाई में स्तिथ है?
अमरनाथ गुफा 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं।
अमरनाथ की यात्रा करने के प्रमाण कहाँ – कहाँ मिलते है?
अमरनाथ की यात्रा करने के प्रमाण बौद्ध काल और महाभारत काल में भी मिलते हैं।
14वीं शताब्दी के मध्य से लगभग 300 वर्ष की अवधि तक के लिए अमरनाथ यात्रा क्यों बाधित हुई थी?
विदेशी आक्रमण के कारण 14वीं शताब्दी के मध्य से लगभग 300 वर्ष की अवधि के लिए अमरनाथ यात्रा बाधित हुई थी
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को अमरनाथ में घूमने की जगह ( Amarnath Me Ghumne ki Jagah) से संबंधित विस्तार पूर्वक से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की हुई है और हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई आज की यह जानकारी आपके लिए अमरनाथ यात्रा करने के लिए काफी ज्यादा हेल्पफुल साबित हुई होगी।
अगर आपके लिए हमारा आज का यह महत्वपूर्ण लेख जरा सा भी हेल्पफुल साबित हुआ वह तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले। अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो।