Pandav Fall and Cave के बारे में पूरी जानकारी

Pandav Fall and Cave 


पांडव फॉल एवं गुफा (Pandav Falls and Cave) पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में स्थित एक रमणीय जगह है। यह जगह प्राकृतिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक जगह का समावेश है। इस जगह पर एक खूबसूरत जलप्रपात है, जिसका दृश्य बरसात के समय गजब का रहता है। यह पर एक गुफा भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि पांडव इस अपने अज्ञात वास के दौरान इस जगह पर ठहरे थे और शिव जी की आराधना किए थे। यह जगह ऐतिहासिक भी है, इस जगह पर 4 सितंबर 1929 को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद ने क्रांतिकारियों के साथ एक बैठक की थी और अग्रेजों से युध्द करनें की रणनीति बनाई थी। 

पांडव फॉल और गुफा कहां स्थित है

पांडव फॉल एवं गुफा (Pandav Falls and Cave) मध्यप्रदेश के पन्ना शहर में स्थित है। यह स्थल पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) के अंदर स्थित है। यह स्थल पन्ना शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर होगा और खजुराहो से यह स्थल करीब 31 किलोमीटर दूर होगा। आप इस जगह से अपने वाहन से या किराए की टैक्सी से आ सकते है। खजुराहो - पन्ना राजमार्ग पर स्थित, पांडव जलप्रपात (Pandav Falls) पन्ना में दर्शनीय झरनों में से एक है । 

पांडव फॉल एवं गुफा (Pandav Falls and Cave) तक आप राष्ट्रीय राजमार्ग 75 से पहुॅच सकते है। पांडव जलप्रपात (Pandav Falls) की ऊंचाई 25 मीटर है। आप यहां पर गाइड कर सकते है, जो आपको इस जगह की विस्तारपूर्वक जानकारी देगा। बारिश के समय यहां का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है। यह क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह पर बहुत सारे औषधियां पौधे पाये जाते है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। जलप्रपात के नीचे बहुत बडा जलकुंड है, जिसमें मछलियों की नर्सरी तैयार होती है। जलकुंड का पानी साफ सुथरा है। यहां पर मछलियां आपको साफ साफ दिखाई देती है। यहां पर मछली के बच्चे जन्म लेकर बड़े हो जाते है और बारिश के मौसम में बाढ़ के पानी के साथ बह जाते है और केन नदी पर ये मछलियों मिल जाती है। जलप्रपात में बरसात से ठंड तक पानी रहता है। आप इस समय झरनें को देखने आ सकते है। कुंड में 12 माह पानी उपलब्ध रहता है। कुंड में पानी रहने के कारण यह पर पक्षी की चहल पहल बनी रहती है। 

पांडव फॉल एवं गुफा (Pandav Falls and Cave) में एंट्री और आपके वाहन का चार्ज लगता है। झरने तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। आपको सीढ़ियां के द्वारा झरने और गुफाओं तक पहुंच जाते हैं। यहां पर आपको अर्जुन के बहुत सारे पेड़ देखने मिलते है, जिनमें मधुमक्खी के छाते लगे हुआ है। इन छाता में शहद रहता है। इस शहद के लिए भालू इन पेड़ों पर चढ़ते हैं। भालू के नाखूनों के निशान आप यहां के पेड़ों पर देख सकते हैं। आपको यहां पर झरने में उतरना माना है। झरने के पास प्राचीन गुफाएं है। आप इन गुफाओं को देख सकते हैं।

पांडव फॉल एवं गुफा (Pandav Falls and Cave) में गर्मी में भी पहाड़ों से पानी बूंद बूंद गिरता रहता है, जो आपको बरिश का अहसास दिलाता है। लोग यहां पर जो पानी पहाडों से टपकता है,उसको बोतल में भरकर अपने साथ ले जाते हैं। कहते है कि यह जो पानी रहता है यह मिनरल्स से भरपूर रहता है। आप गुफाओं के अंदर जाकर प्राचीन समय का अनुभव कर सकते हैं, कि किस तरह यहां पर पांडव रहा करते थे। पांडव के जो भी प्राचीन शिवलिंग और जो भी मूर्तियां हैं, उन्हें गुफाओं के ऊपर संग्रहित करके रखा गया है। तो आप उन्हें भी देख सकते हैं। यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत ही खूबसूरत है। आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।

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