सिंगौरगढ़ का किला दमोह जिले (Singorgarh Fort Damoh district) का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको एक प्राचीन किला देखने के लिए मिलता है। सिंगौरगढ़ के किले (Fort of Singaurgarh) को सिंग्रामपुर का किला (singrampur ka kila), सिंग्रामपुर किला (singrampur fort), गोंडवाना किला (Gondwana Fort), सिंगोरगढ़ फोर्ट (Singorgarh Fort) और रानी दुर्गावती के किले (Rani Durgavati Fort) के नाम से भी जाना जाता है। यह किला अब यहां पर खंडहर अवस्था में देखने के लिए मिलता है। यह किला दमोह जिले के सिंग्रामपुर तहसील (Singrampur Tehsil) में स्थित है। सिंगौरगढ़ किला (singorgarh kila) जंगल के बीच में स्थित है। सिंगौरगढ़ किला (singorgarh kila) ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस किले में पहुंचने के लिए आपको पैदल चलना पड़ता है। सिंगौरगढ़ का किला (singorgarh ka kila) रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण (Rani Durgavati Wildlife Sanctuary) के अंदर स्थित है। आप इस किले में बरसात के समय घूमने आ सकते हैं। इस किले में आपको बहुत सारी प्राचीन वस्तुएं देखने के लिए मिल जाती है। यहां पर आपको प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिल जाएगी।
सिंगौरगढ़ का किला (singorgarh ka kila) घूमने के लिए सबसे अच्छा समय बरसात का रहता है, क्योंकि इस समय यहां पर आपको हरियाली देखने के लिए मिलती है। यह किला रानी दुर्गावती अभ्यारण के अंदर स्थित है। इसलिए आप बरसात के समय और ठंड के समय इस किले में घूमने के लिए जा सकते हैं। गर्मी में अगर आप इस किले में घूमने के लिए जाते हैं, तो आपकी हालत खराब हो जाएगी। रानी दुर्गावती अभ्यारण में आपको जंगल देखने के लिए मिलता है। इस जंगल में सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) में जाने के लिए आपको कच्चा रास्ता मिलता है। रानी दुर्गावती में अधिकतर जो रास्ता है। वह कच्चा है। आपको कुछ रास्ता पक्का भी देखने के लिए मिलेगा। सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) का कुछ रास्ता कच्चा है और कुछ रास्ता पक्का है। यह रास्ता सिंगौरगढ़ झील (Singaurgarh lake) तक जाता है।
आप लोगों को सिंगौरगढ़ झील (Singaurgarh lake) तक नहीं जाना है। सिंगौरगढ़ झील (Singaurgarh lake) के जाने वाले रास्ते के बीच में ही आपको हाथी दरवाजा देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको एक प्राचीन इमारत देखने के लिए मिलेगी। इस इमारत का अधिकतर भाग अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस इमारत के बाजू से ही सीढ़ियां जाते हैं। आप इन सीढ़ियों से सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) तक पहुंच सकते हैं। आपको पहाड़ियों से रास्ता देखने के लिए मिलता है। आपको इन्हीं रास्ते से चलते हुए सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) तक पहुंचते हैं। यह किला अब खंडहर में तब्दील हो चुका है और इस किले में आपको बहुत सारे मंदिर और प्राचीन मूर्तियां देखने के लिए मिल जाती है। यह किला दो मंजिला है।
सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) का बहुत सारा भाग खंडार में बदल गया है। यहां पर आपको ज्यादातर खंडहर ही देखने के लिए मिलता है। मगर यहां पर आप प्राचीन मूर्तियां देख सकते हैं। सिंगौरगढ़ किले का, जो प्रवेश द्वार है। वह भी अच्छी अवस्था में है। उसे भी आप देख सकते हैं। यहां पर आपको प्राचीन बुर्ज देखने के लिए मिल जाते हैं।
सिंगौरगढ़ किले (Singaurgarh Fort) में आपको मूर्तियां भी देखने के लिए मिलती है। यह मूर्तियां पत्थरों पर नक्काशी करके बनाई गई हैं। प्राचीन समय में इस किले में रानी दुर्गावती निवास करते थी। यहां पर रानी दुर्गावती विवाह के पश्चात आई थी। यह किला गोंडवाना किला के नाम से भी जाना जाता है। सिंगौरगढ़ किले का निर्माण राजा दलपति शाह ने करवाया था। इस किले के पास में पहाड़ी के नीचे एक झील बनी हुई है। यह झील प्राचीन है। इस झील को सिंगौरगढ़ झील कहते हैं। इस झील में रानी दुर्गावती जी स्नान करने के लिए आया करती थी। यहां पर एक छिपा हुआ रास्ता है, जिससे रानी झील में स्नान करने के लिए आती थी। इस झील में अब मगर रहते हैं। इस झील का नजारा बहुत सुंदर रहता है। यह झील गहरी है और यहां पर आपको एक हनुमान मंदिर भी देखने के लिए मिल जाता है। झील के पास बहुत सारे बेल के पेड़ लगे हुए हैं।
सिंगौरगढ़ का किला पहाड़ी के ऊपर स्थित है और पहाड़ी के ऊपर सुनसान रहता है। अगर आप यहां पर जाते हैं, तो छोटे ग्रुप के साथ जाएं या दोस्त और फैमिली वालों के साथ जाये। अकेले यहां पर घूमने के लिए नहीं जाए। बरसात के समय यहां का दृश्य बहुत अच्छा रहता है। आप यहां की सभी जगह घूम सकते हैं।
सिंगौरगढ़ का किला कहा है - Where is the fort of Singaurgarh
सिंगौरगढ़ का किला दमोह जिले (Fort of Singaurgarh Damoh district) में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला दमोह जिले के सिंग्रामपुर तहसील में स्थित है। यह किला बहुत सुंदर है। यह किला सिंग्रामपुर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले में आने के लिए आपको कच्ची सड़क मिल जाती है। आप इस किले में आते हैं, तो आपको पैदल भी चलना पड़ता है।